जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर के जामपारा का एक मामला उजागर हुआ है जिसका खुलासा इस प्रकार है कि, किसानों को दिया जाने वाला धान खरीदी का टोकन लगभग 200 से अधिक हो चुका है। उसी में से एक किसान अपना लगभग 100 क्विंटल धान बेचने धान खरीदी केन्द्र जामपारा में गया हुआ था जिसके बाद नायब तहसीलदार एवं पटवारी के द्वारा किसान के ऊपर दबाव बनाया गया कि, आपके घर में हम लोग जांच के लिए पहुंचे हुए थे तब आपके घर में धान नहीं था तो इस वक्त लगभग 100 क्विंटल धान कहां से आया ? जबाव में किसान द्वारा कहा गया कि, यह सभी धान मेरे परिवार के घर में रखा हुआ था। सोचन वाली बात है कि, किसान अपने परिवार में अपना धान सुरक्षित नहीं रख सकता क्या ? पर पटवारी एवं नायब तहसीलदार उस किसान के ऊपर इतना दबाव बना रहे थे जिससे किसान खबरा गया । सत्यता को लेकर पूरा दस्तावेज इस समाचार के साथ संलग्न है।
जानकार सूत्र बताते है कि, कुछ गणमान्य लोग किसान के साथ खड़े नही होते तो उस गरीब किसान से जांचकर्ता पैसा वसूल लिये होते। तथा सभी गणमान्य लोगों के बीच में पटवारी एवं ंनायब तहसीलदार को श्री वेदान्ती तिवारी (जिला पंचायत उपाध्यक्ष) द्वारा समझाने पर उस समस्या का समाधान हुआ और धान को बेचने दिया गया। जिससे उस गरीब किसान को राहत मिली। बता दें कि, उस किसान के पक्ष में संदापक जी भी खड़े हुए थे।