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एमसीबी : तम्बाकू नियंत्रण के लिए कलेक्टर ने जिला स्तरीय समन्वय समिति की ली बैठक, तंबाकू नियंत्रण के लिए जिले में कोटपा एक्ट 2003 लागू उल्लंघन की स्थिति पर होगी कार्यवाही…………..

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जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थान होंगे तम्बाकू मुक्त
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर होगी कार्यवाही
तम्बाकू नियंत्रण के लिए कोटपा 2003 के साथ जेजे एक्ट 2015 के प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही के दिए निर्देश

एमसीबी/11 दिसंबर 2024/ राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कलेक्टर डी. राहुल वेंकट की अध्यक्षता में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम जिला स्तरीय समन्वय समिति का बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित किया गया। इस बैठक में समस्त अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खरे द्वारा तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में की जा रही गतिविधियों के सम्बंध में अवगत कराया गया। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जिला नोडल अधिकारी डॉ. कृति चौहान द्वारा तम्बाकू नशा मुक्ति केंद्र की सेवाओं के बारे में बताया गया। बैठक में ब्लूमबर्ग परियोजना के सम्भागीय सलाहकार प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, कोटपा एक्ट 2003, कोटपा छत्तीसगढ़ संशोधन अधिनियम 2021 तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्था, किशोर न्याय अधिनियम एवं धूम्रपान मुक्त नितियों से सम्बंधित विस्तृत चर्चा की गई। तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों के उपयोग एवं उपभोग को हतोत्साहित करने एवं कोटपा एक्ट 2003 के प्रभावी अनुपालन हेतु जिले में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम संचालित है।
उन्होंने आगे बताया कि जिले में तम्बाकू नियंत्रण की नीतियों के प्रभावी अनुपालन हेतु राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत ब्लूमबर्ग परियोजना छ.ग. के माध्यम से 13 दिसम्बर 2024 को प्रातः 10ः30 बजे से स्थान होटल हसदेव इन, मनेन्द्रगढ़ में एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण में आपके विभाग से तम्बाकू नियंत्रण हेतु नामांकित जिला नोडल अधिकारी एवं 10 उपनिरीक्षकों को निर्धारित समयावधि में उपस्थिति हेतु निर्देशित करने के लिए कहा है।
इस बैठक के अंत मे कलेक्टर द्वारा जिले में तम्बाकू नियंत्रण के लिए प्रभावी कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने निर्देशित किया। जिले के सभी सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थाओं के पास सिगरेट एवं तम्बाकू उत्पादों के उपयोग को प्रतिबंधित करते हुए निरंतर चलानी कार्यवाही, जिले के समस्त कार्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त करने के निर्देश दिए गए।


क्या है कोटपा एक्ट 2003 की धारा
कोटपा  एक्ट अधिनियम के अंतर्गत निम्न प्रावधान किए गए हैं जिसमें धारा-4 सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध। यदि कोई इस प्रावधान का उल्लंघन करता है तो उसे 200 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। धारा-5 सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध। पहले अपराध पर 1,000 रुपए तक का जुर्माना या 2 वर्ष तक का कारावास या दोनों का प्रावधान है। यदि अपराध दोहराया जाता है, तो 5,000 रुपए तक का जुर्माना या 5 वर्ष तक का कारावास या दोनों का दंड दिया जा सकता है।
धारा-6 अठारह वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को तंबाकू उत्पाद बेचना और निर्धारित क्षेत्र में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध। इस उल्लंघन पर 200 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। धारा-7, 8 और 9 बिना वैधानिक चेतावनी के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। यदि विनिर्माता ऐसा करता है, तो पहले अपराध पर 5,000 रुपए तक का जुर्माना या 2 वर्ष तक का कारावास या दोनों हो सकता है। यदि अपराध दोहराया जाता है, तो 10,000 रुपए तक का जुर्माना या 5 वर्ष तक का कारावास या दोनों का प्रावधान है। खुदरा विक्रेता के लिए, पहले अपराध पर 1,000 रुपए तक का जुर्माना या 1 वर्ष तक का कारावास या दोनों हो सकता है, जबकि दोहराने पर 3,000 रुपए तक का जुर्माना या 2 वर्ष तक का कारावास या दोनों का प्रावधान है।
किशोर न्याय अधिनियम की धारा-77 के तहत बालक बच्चों को मादक पदार्थ या तंबाकू उत्पाद का सेवन कराने पर 7 वर्ष तक की कठोर कैद और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। भारतीय दंड संहिता की धारा-268 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक उपद्रव फैलाता है, जिससे जनता को सामान्य चोट, असुविधा या परेशानी होती है, तो उसे 200 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। धारा-269 के तहत, यदि कोई व्यक्ति खतरनाक बीमारी के संक्रमण को फैलाने वाली लापरवाही करता है, तो उसे 6 महीने तक की जेल, जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
धारा-278 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वातावरण बनाता है, तो उसे 500 तक का जुर्माना देना होगा। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 (एफएसएसए, 2006) के तहत, खाद्य और मानक (बिक्री पर प्रतिबंध और प्रतिबंध विनियम, 2011 का विनियम 2, 3 और 4 के तहत किसी भी खाद्य उत्पादन में तंबाकू और निकोटीन का उपयोग करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इस उल्लंघन पर एफएसएसए, 2026 की 57(1)(ii
) के तहत अधिकतम 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत इन अधिनियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया गया है।

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