जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में आम जनता राजस्व विभाग से त्रस्त हो चुका है। जानकार सूत्र बताते है कि, राजस्व विभाग आम जनता को विवादों में फंसाने में सक्षम हो चुकी है। क्योंकि राजस्व विभाग में दलालों का बोल-बाला चल रहा है। बताया जा रहा है कि, राजस्व विभाग के अधिकारी ऐसे दलालों से बहुत खुश रहते है यहां तक कि, दलालों को देखकर राजस्व विभाग के अधिकारी अपनी गाड़ियों को रोक कर बात करते है।
मिली जानकारी के अनुसार, पटवारी, आरआई एवं बाबूओं द्वारा पैसे के बल पर कुछ भी संभव किया जा रहा है। जानकार सूत्र बताते है कि, आरआई व पटवारी को लाखों में खरीदा गया है जहां तक जानकारी प्राप्त हुई है वहां तक बताया जा रहा है कि, बैकुण्ठपुर के अंदर हर आरआई व पटवारी को लगभग दस-पंद्रह लाख रूपये दिया गया है। बता दें कि, इस संबंध पर कई बार समाचार के माध्यम से भी अवगत कराया जा चुका है।
सोचने वाली बता है कि, राजस्व विभाग के द्वारा तालाब को ही कृषि भूमि बना दिया गया तो इससे ज्यादा प्रमाण क्या दिया जाये ? जानकार सूत्र बताते है कि, जितने भी आरआई, पटवारी एवं बाबू है आज करोड़ो के आसामी बन चुके है। जबकि इस पर कलेक्टर महोदया जी के पास शिकायत सैकड़ों बार किया जा चुका है एवं टीएल मीटिंग में भी शिकायत किया जा चुका है। इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं किया गया। सोचने वाली बात है कि, टीएल मीटिंग है या एक दिखावा और औपचारिकता ?