कोरिया, 03 दिसम्बर 2024/ पटना तहसील के ग्राम जमडी के किसान श्री सुरेश साहू और उनकी पत्नी श्रीमती मृदुला का जीवन कभी संघर्षों से भरा था। सीमित संसाधनों के बावजूद, दोनों ने अपने बच्चों को डॉक्टर और इंजीनियर बनाने का सपना देखा। उनके लिए यह सपना कभी दूर की कौड़ी लगता था, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की किसानों के हित में उठाए गए कदमों ने उनकी जिंदगी बदल दी।
श्री सुरेश साहू, जो पेशे से किसान और सब्जी विक्रेता हैं। दिन-रात मेहनत करके अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास करते थे। हालांकि, खेती से होने वाली आय और सब्जी बिक्री का सीमित मुनाफा उनके बच्चों की उच्च शिक्षा के खर्च को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं था।
गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ सरकार ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल और प्रति एकड़ 21 क्विंटल की सीमा तय की है। सरकार का यह निर्णय सुरेश के परिवार के लिए किसी वरदान से कम नहीं था। उन्होंने अपनी मेहनत से खेत में रिकॉर्ड धान उपज और करीब 85 क्विंटल धान को सरकारी दर पर बेचकर पर्याप्त आय अर्जित की।
बच्चों की मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में खर्च करेंगे
श्री सुरेश और उनकी पत्नी श्रीमती मृदुला कहते हैं ‘‘सरकार की इस नीति ने हमें एक नई दिशा दी है,‘ हमने धान से जो पैसा कमाया, उसका इस्तेमाल अपने बच्चों की मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए कर रहे हैं। अब हमें यकीन है कि हमारे बच्चे बड़े सपने साकार करेंगे।‘
पैसे का उपयोग मकान निर्माण व आभूषण खरीदने में करेंगे
चार बेटे और दो बेटियों के पिता जमडी निवासी किसान श्री हरबंश प्रसाद साहू ने इस वर्ष करीब 185 क्विंटल धान बेचने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि धान खरीदी केंद्र में माकूल व्यवस्था है। धान के बदले मिलने वाले पैसे का उपयोग मकान बनाने, कर्ज चुकाने के साथ पत्नी के लिए सोना-चांदी खरीदने में व्यय करेंगे।
खेत निर्माण के साथ अन्य फसलों के उपज में करेंगे खर्च
इसी तरह ग्राम मुरमा निवासी किसान श्री लाल सिंह गोंड़ ने 23 एकड़ खेत में धान लगाने व करीब 300 क्विंटल धान, सरकारी खरीदी केंद्र में बेचने की जानकारी देते हुए कहा कि प्राप्त राशि का उपयोग खेत निर्माण के साथ अन्य फसलों के पैदावार के लिए खर्च किया जाएगा।
सरकारी सहयोग से सपना होता है साकार
इन किसानों ने सरकार की नीति से उन्हें आर्थिक संबल मिला है। अन्नदाताओं ने दिखा दिया कि मेहनत और सही दिशा में सरकारी सहयोग से कोई भी सपना पूरा हो सकता है। इन किसानों का कहना है, ‘हम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनकी सरकार के आभारी हैं। यह न केवल आर्थिक सुधार है, बल्कि हमारे जैसे किसान परिवारों के लिए एक नई उम्मीद है।‘