बैकुण्ठपुर मुख्यालय में पटाखों के दुकानों के लिए पैलेस के पास ग्राउंड को प्रशासन द्वारा जगह दी गयी है। पर एक व्यक्ति ऐसा देखने को मिला की बाईसागर के पास में अपने पटाखे की बहुत बड़ी दुकान नेतागिरी के बल पर चला रहा है। ऐसा नेता है जैसे गिरगिट रंग बदलता है। जैसा शासन वैसा ही चाल। जैसे कहावत है ‘‘छोटा भाई वैसे ही जेठा भाई’’ जैसे कांग्रेस वैसे बीजेपी। बताया जा रहा है कि, वह पटाखा दुकानदार आज नेतागिरी में करोंड़ो का आसामी एवं करोड़ो का बिजनेस फैला लिया है। पर औकात एक पार्षद बनने तक का नहीं है। पुलिस प्रशासन से अपील है कि, इस पर ध्यान दें कहीं पटाखों से नगर के बीच कोई अप्रिये दुर्घटना हो जाये तो इसका जिम्मेदार क्या पुलिस प्रशासन होगा ?
जानकार सूत्र बताते है कि, खाली पुलिस पैसे के लिए किसी भी स्तर तक जा सकती है। आज पुलिस के इन्हीं के कारण सूरजपुर जिले में हड़कम मचा हुआ है। इसका जिम्मेदार पुलिस विभाग को लेना चाहिए। पर पुलिस अपना पलड़ा झाड़ कर अलग खड़ा हो जाता है। जैसे हम निर्दोश है।
लोगों में चर्चाऐं है कि, बाईसागर गली में जो पटाखों का दुकान लगी हुई है वह किसके रहमो करम पर लगी हुई है ? यह दुकान पैलेस के पास क्यों नहीं ? इसका मतलब यह है कि, गुंडागर्दी व राजनितिक का धौस चल रहा है। क्योंकि जितने भी काले करनामे वाले अधिकारी है वह सब उसी दुकानवाले से पटाखा लेते है। एक कहावत है ‘‘चोर-चोर मौसेरे भाई’’ अर्थात नेता चोर-अधिकारी चोर तो अब शिकायत करें किसे ? ये समाचार बैकुण्ठपुर के जनता के विचारधाराओं पर चल रहा है।