जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में बाईसागर तालाब को लेकर आये-दिन समाचार प्रकाशित किया जाता रहा है। जिसमें पूर्व के दस्तावेजों में तालाब निस्तार, पशुओं के पानी पीने एवं आम जनता के सुख अभिलाषा का उपयोग करने के लिए आरक्षित किया गया था। बड़ी विडम्बना की बात है दस्तावेजों को देखते हुए भी पूर्व अधिकारियों द्वारा पूरी जुगत लगाकर तालाब को लुप्त करके कृषि भूमि में परिवर्तित कर दिया गया।
माननीय सुप्रिम कोर्ट के आदेशानुसार- 4787/2001 के तहत् तालाब व निस्तार की भूमि को विलुप्त नहीं किया जा सकता। परंतु भू-माफियों द्वारा पैसो के बल पर तालाब को विलुप्त कर दिया गया और पूरे नियम कानून को ताक पर रख दिया। क्या कोरिया प्रशासन इन भू-माफियों को खुली छुट दे रखी है ?
बता दें कि, जांच के विषय में आरआई (शिवकुमार सिंह) से मोबाईल द्वारा जानकारी प्राप्त किया गया तो आरआई द्वारा बताया गया कि, जांच का कागजात कलेक्टर महोदया जी को सौंप दिया गया है। आवेदक द्वारा ये भी पुछा गया कि, क्या बाईसागर तालाब में नवनिर्माण का आदेश दिया गया है ? तो आरआई द्वारा कहा गया कि, इस संबंध में अपने अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा।
मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार से लेकर रविवार तक छुट्टी को देखते हुए भू-माफियों ने तालाब पर नवनिर्माण कार्य जोरो पर शुरू कर दिया है। इस संबंध को लेकर श्रीमान् सरगुजा संभाग आयुक्त ने भी जांच की जानकारी मांगी है। वही लोगों का कहना है कि, बिना आदेश के तालाब में बाहुबलियों द्वारा बड़ी-बड़ी बिल्डिंग गुंडागर्दी या पैसे के बल पर निर्माण किया गया तथा आज भी नवनिर्माण कार्य चल रहा है। क्या प्रशासन इस तालाब के निर्माण को अतिशिघ्र रोकने का निर्देश देगा या नहीं ? इस समाचार में उच्च न्यायालयों का वीडियों एवं आदेशो का उल्लेख किया जा रहा है।