कोरिया जिले में कुछ दिन पूर्व चरचा से लेकर, बैकुण्ठपुर, गढेलपारा, जुनापारा और पटना तक में गाड़ियों के कांच तोड़ने का अभियान चला। जिसका वीडियों कई सीसीटीवी कैमरा में कैद हो चुका है। जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि, तीन लड़के दो चक्का वाहन में सवार होकर आये उसके बाद पीछे के दो लड़के उतर कर खड़ी हुई चार चक्का वाहन पर पत्थरबाजी करने के बाद वहां से चले गये।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस तरह जगह-जगह लगभग 30 वाहनों के कांच फोड़े गये। बताया जा रहा है कि, उन तीनों लड़कों को पुलिस के गिरफ्त में ले लिया गया था। पर बड़ी विडम्बना की बात है कि, उन रिफ्तार लड़को को पुलिस द्वारा मुचलका पर छोड़ दिया गया। जिससे लोगों का कहना है कि, लगभग 30 गाड़ियों के कांच तोड़ना, जिसके बाद उन मनचलों लड़को को छोड़ देना। ये कौन सी इंसाफ की बात हुई ?
जानकार सूत्र बताते है कि, इन मनचलों लड़कों की कुछ विचारधारा कुछ ज्यादा ही गलत थी। वो खाली गाड़ी के कांच तोड़कर टल गये। परंतु पुलिस प्रषासन द्वारा गाड़ी के कांच तोड़ने वालों को षक्ति दिखाना चाहिए था पर लोगों में चर्चा का विषय है कि, पुलिस विभाग द्वारा पैसा लेकर व राजनितिक दबाव में आकर छोड़ दिया गया।