बैकुण्ठपुर मुख्यालय के बाईसागर तालाब को लेकर तरह-तरह की चर्चाऐं चल रहा है। जिसमें लोगबाग शाम के समय घुमने जाते थे और हवा का लुप्त लेते थे। आज भू-माफियों ने कोरिया जिले के जनता को घुमने की व्यवस्था को विलुप्त कर दिया है।
लोगों में चर्चाऐं है कि, भू-माफियों द्वारा भारत सरकार उमक्रम शासकीय बैंको को भी तालाब में झांसा देकर किराया वसूल रहे है। उनसे भी धोखा-धड़ी किया गया है, क्योंकि बाहर के लोगों को क्या पता कि, यह स्थान तालाब था या खेती की जमीन। सोचने वाली बात है कि, भू-माफियों ने बैंकों से मकान बनाने के नाम पर लाखों रूपए ले लिए है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, तालाब की रजिस्ट्री में लगभग 6 लाख रूपए बताया गया है परंतु स्टाॅम डयूटी छिपाने के लिए लगभग 50 लाख की जमीन को 6 लाख स्टाम डयूटी की चोरी किया गया। अब देखना यह है कि, वर्तमान आरआई व जांच टीम के ऊपर भी बोली लग रही है। जानकार सूत्र बताते है कि, इन लोगों को करोड़ो का भी लालच दिया गया है। अब देखना यह है कि, जो टीम कलेक्टर महोदया जी द्वारा गठित की गयी है, उसकी सच्चाई कहां तक सामने आ सकती है ?
बता दें कि, पूर्व रिकाॅड के दस्तावेजों में बाईसागर तालाब निस्तार भूमि और जानवरों के पानी पीने व नहाने के लिए आरक्षित किया गया था। जो कि, विक्रेता के दस्तावेज में लिखा हुआ है। वही आवेदक टीम जांच के परिणाम का इंतजार कर रहा है और संतोषजनक जांच नहीं पाया गया, तो आवेदक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटायेगा, क्योंकि बैकुण्ठपुर कोरिया की जनता तालाब को पूर्व की स्थिति में चाहते है एवं भू-माफियों के ऊपर और जो अधिकारियों ने तालाब को कृषि भूमि में परिवर्तित किया है उस पर भी कार्यवाही करवाना चाहते है।