जिला सूरजपुर में सहकारी पंजीयक के कृत्यों का जोरो-शोरो से चर्चाऐं चल रहा है। जानकार सूत्र बताते है कि, यह व्यक्ति महामाया शक्कर कारखाने में करोड़ो का घोटाला करने के बाद अब कोरिया जिला में अधिकारी के पद पर पदस्थ हो गया है। बताया जा रहा है कि, पूर्व के तरीके से आज भी कोरिया जिले में वसूली कर रहा है क्योंकि उसका आदत बन चुका है। जिससे उच्च अधिकारियों को गलत जानकारी देकर गुमराह करता है। लोगों का कहना है कि, इसका मनोबल इसलिए बढ़ चुका है क्योंकि इतना बड़ा घोटाला करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पंजीयक ने पटना के बंद मंगल राईस मिल में कागजों में लिखकर करोड़ो का धान उठवा दिया। क्योंकि इसका रिटायरमेंट 2024 में होने वाला है। इसलिए सहायक पंजीयक रिटायरमेंट के अवधि को देखते हुए बहुत तेजी से हेरा-फेरी को अंजाम दे रहा है। क्योंकि ब्रांच मेनेजर और नोडल अधिकारी एक ही व्यक्ति है परंतु दो प्रभार संभाले हुए है। बताया जा रहा है कि, धान खरीदी समूह का एक ठेकेदार भी है जिसका दबदबा सहायक पंजीयक के ऊपर बना हुआ है और ब्रांच मेनेजर उसका रिश्तेदार भी है। इसके साथ ही बहुत से दलाल भी लगे हुए है।
लोगों का कहना है कि, जब मिल वाले के ऊपर कार्यवाही किया गया तब समिति के देख-रेख में धान कैसे उठा ? और बैंकों से लेन-देन भी हुआ जो कि पूरा घटनाक्रम सहायक पंजीयक के देख-रेख में हुआ। यह जांच का विषय है कि, सहायक पंजीयक द्वारा करोड़ो का घोटाला किया गया तो इसका जांच क्यों नहीं किया गया ? क्या जांच पेंडिग में है या कोई और मामला है ? नियमानुसार जिस व्यक्ति के ऊपर जांच जारी है उसको पद पर नहीं रहने का अधिकार नहीं है। फिर भी कोरिया जिले में सहायक पंजीयक अधिकारी बनकर बैठा हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार, समति प्रबंधक ऐसा भी है जो कि राजनेता से लेकर सभी अधिकारियों का सेवा सत्कार भी धन से कर रहा है। जिस प्रकार बंदर गुलाठी खाता है उसी प्रकार प्रबंधक भी गुलाठी मार रहा है। इनको इससे कोई मलतब नहीं है कि, जनता के साथ क्या हो रहा ? अब देखना यह है कि, सहायक पंजीयक का जांच होता है या जाल में फंसता है।
यह समाचार समाज के गणमान्य विचारधाओं के साथ प्रकाशित की गयी है।