छत्तीसगढ़ सरकार ने जब से ई कुबेर लागू किया है तब से रेंजरों का बुद्धि भ्रष्ट हो गया है, क्योंकि नये-नये पीढ़ी के पत्रकार एक हाथ में माईक पकड़ते है व दूसरे हाथ में मोबाईल, जिसके बाद एक स्टैण्ड लगाकर अधिकारियों से बोलते है ‘‘वाइट दीजिए’’। इससे मालूम पड़ता है कि, अधिकारी/कर्मचारियों का दिमाग कम पढ़े-लिखे पत्रकारों से भी कम है।
लोगों में चर्चाऐं है कि, रेंजर लोग पत्रकारों से भयभित रहते है। सोचने वाली बात है कि, पत्रकारों की संख्या खरपतवारों जैसी बड़ रहा है। ऐसा मालूम पड़ता है कि, भारत सरकार ने इनको रोजगार दे दिया है जिससे कुछ महिला पत्रकार व कुछ नयी पीढ़ी के पत्रकार पत्रकारिता को ताक पर रखकर काम कर रहे है। यहां तक कि, सिनियर लोगों को भी कुछ नहीं समझते। इस बात पर भारत सरकार ध्यान दें।