वित्त विभाग द्वारा समस्त विभाग अध्यक्ष राजस्व मंडल, कमिश्नरों, विभागाध्यक्षों और कलेक्टरों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। शासकीय विभाग या स्थापना, स्थानीय प्राधिकारी, शासकीय अभिकरण, शासन के किसी भी डीडीओ द्वारा (किसी कराधेय वस्तु या सेवा हेतु) रुपये 2.5 लाख से अधिक भुगतान होने पर, 2 प्रतिशत (1 प्रतिशत सीजीएसटी 1 प्रतिशत एस जीएसटी अथवा 2 प्रतिशत आईजीएसटी ) की दर से स्रोत पर कटौती जीएसटी – टीडीएस किया जाना है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सभी शासकीय विभागों तथा स्थानीय प्राधिकारियों को जीएसटी, के अंतर्गत स्रोत पर कटौतीकर्ता (टीडीएस डिटेक्टर) के रूप में रजिस्ट्रेशन लिया जाना है। विभागों द्वारा खरीदी जाने वाली सामग्री, मशीन- उपकरण, फर्नीचर, स्टेशनरी अथवा अन्य कोई भी वस्तुएं, निर्माण कार्यों एवं ठेकों (कॉन्ट्रैक्ट) तथा लिये जाने वाली किसी भी प्रकार की सेवाओं की राशि पर जीएसटी – टीडीएस करने के पश्चात्वर्ती माह की 10 तारीख तक रिटर्न जीएसटीआर-07 में प्रस्तुत किया जाना है। वित्त निर्देश 12/2024 के तहत समस्त कोषालयों, निर्माण विभागों, वन विभागों के भुगतान प्राधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा वस्तु एवं सेवा प्रदाता के भुगतान सम्बन्धी प्रस्तुत देयकों में प्रदायकर्ताओं की जीएसटीआईएन को चिन्हांकित करने की व्यवस्था की जाए तथा देयकों के भुगतान के पूर्व यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रदायकर्ता द्वारा दिया गया जीएसटीआईएन वर्तमान सक्रिय/वैध हो।
बैठक में एसडीएम प्रवीण भगत भरतपुर, सीईओ रतन दास जनपद पंचायत की उपस्थिति में जिला कोषालय अधिकारी सी.एस. सर्राफ, सहायक कोषालय अधिकारी पुष्पेंद्र प्रजापति व उपकोषालय अधिकारी विक्रांत सिंह परिहार के द्वारा अन्य आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को जीएसटी की विभिन्न बिन्दुओं की जानकारी दी।