बैकुण्ठपुर मुख्यालय में भू-माफियों व प्रशासन के बीच एक और मामला जोरो-शोरो पर चल रहा है। लोगों में तरह-तरह की बाते निकल कर आ रही है। बताया जा रहा है कि, प्रशासन में एक ऐसा भी अधिकारी है जो कि भू-माफियों से लगभग पांच लाख रूपये लेकर मामले को रफा-दफा करने में लगे हुए है। और भू-माफियों के करनामों को दबा रहे है।
जानकार सूत्र बताते है कि, उस अधिकारी के द्वारा भू-माफियों के ऊपर कार्यवाही न होने का दावा भी दिया है। यहां तक देखा जा रहा है कि, बाईसागर तालाब का मामला जो कि अभी तक तुर पकड़े हुए है। देखा जा सकता है कि, बैकुण्ठपुर प्रशासन के द्वारा लगभग दो सप्ताह हो गया, परंतु कोई कार्यवाही नहीं किया जा रहा। आज भी निर्माण कार्य बड़ी जोरो पर चल रहा है इससे प्रतीत होता है कि, जो मामला सुनने में आ रहा है वह सत्य एवं सही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्रीमान सरगुजा संभाग आयुक्त द्वारा जो कार्यवाही के लिए निर्देश दिया गया था वह कार्यवाही ठंडे बस्ता में पड़ा हुआ है। सोचने वाली बात है कि, बाईसागर तालाब के रिकाॅर्ड अनुसार लगभग 6 एकड़ की जमीन नहीं थी परंतु जमीन के कब्जाधारियों ने लगभग 8 एकड़ जमीन पर कब्जा कैसे किये हुए है ?
बता दें कि, जब मध्यप्रदेश शासन था उसी समय से रिकाॅर्ड में तालाब मर्ज था, सोचने वाली बात है कि, छत्तीसगढ़ को अलग हुए बर्षो हो गये है पर बाईसागर तालाब कृषि भूमि में तबदिल कैसे हुआ ? लोगों में चर्चा है कि, पूर्व एसडीएम व पूर्व कलेक्टर के बिना अनुमति से तालाब कृषि भूमि में तबदिल नहीं हो सकता था इससे मालूम पड़ता है कि, सभी की मिलीभगत है। सीधे तौर पर देखा जाये तो भू-माफियों द्वारा कलेक्टर को बराबर चुनौती दे रहे है। ये जांच का विषय है।