बैकुण्ठपुर मुख्यालय में सार्वजनिक बाईसागर तालाब पूर्व में रोड के किनारे निर्माण कराया गया था, ये किसके अनुमति/आदेश पर तालाब को कृषि भूमि में तबदिल किया गया, डायवर्सन किया गया और किसके आदेश पर हरे-भरे सैकड़ों सागौन व हर्रा के पेड़ काटे गये ?
बता दें कि, आवेदक द्वारा लगभग बीस वर्षो से निरंतर इस संबंध को लेकर शिकायत कर रहे है परंतु जानकार सूत्र बताते है कि, भू-माफिया पैसे के बल पर पूरा प्रशासन को खरीदे हुए है। बताया जा रहा है कि, लगभग 6 एकड़ तालाब को रजिस्ट्री कराकर आठ एकड़ जमीन में कब्जा किया गया है। लोगों में चर्चा है कि, आर.आई. व पटवारी ने तालाब को कृषि भूमि दर्शाते हुए भूमि का रजिस्ट्री कराया। सोचने वाली बात है कि, धारा 420 के अन्तर्गत अपराधिक मामला आरआई व पटवारी के ऊपर पंजीकृत किया जाना चाहिए था एवं आरआई व पटवारी अन्नभंग कर देना चाहिए था क्योंकि इतना बड़ा अपराध किया गया कि, सार्वजनिक तालाब को कृषि भूमि बना दिया गया है, परंतु पूरा बैकुण्ठपुर ही भ्रष्टाचार के बली चढ़ गया।
बैकुण्ठपुर शहर में 50 प्रतिशत लोग भू-माफिया बन चुके है, क्योंकि प्रशासन ही भू-माफियों का सहयोग कर रहा है। लोगों में तरह-तरह की चर्चाऐं चल रही है कि, बाबू से लेकर आरआई, पटवारी व अधिकारी भी इसमें सम्मिलित है। अब न्याय मिले तो किससे मिले ? इस संबंध को लेकर माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय, उच्च न्यायालय बिलासपुर व श्रीमान् आयुक्त महोदय, सरगुजा संभाग, अम्बिकापुर में भी अवगत कराया जा चुका है। अब देखना यह है कि, जिला कलेक्टर महोदया इस पर क्या निर्णय लेती है ? जो निर्माण कार्य चल रहा है उसे रोका जाये। बता दें कि, ये समाचार न्याय मिलने तक निरंतर चलता रहेगा।