बैकुण्ठपुर मुख्यालय में बाईसागर तालाब पर संपादक द्वारा आये-दिन समाचार प्रकाशन हो रहा है। बता दें कि, इस समाचार प्रकाशन को लेकर बैकुण्ठपुर के भू-माफियों द्वारा संपादक को धमकी दिया जा रहा है। क्या भू-माफिया प्रशासन को दबाव में रखता है या कुछ और बात है ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भू-माफियों के दबाव में प्रशासन जेसीबी से संपादक के दरवाजे तक गहरा गड्डा खोदवा दिया गया है। बता दें कि, पूर्व के रिकाॅर्ड में उल्लेख किया गया है कि, बाईसागर तालाब निस्तार की भूमि है। वही संपादक का मकान पूर्व से ही बना हुआ है जिसके दरवाजे के सामने गड्डा करना एक विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रहा है। जबकि संपादक द्वारा तालाब का प्रमाण कलेक्टर महोदया जी को दिया गया है फिर भी जांच करना आवश्यक नहीं समझे कि, किस अधिकारी, पटवारी और आरआई द्वारा बाईसागर तालाब को कृषि भूमि बना दिया गया ? क्योंकि भू-माफियों द्वारा समाचार प्रकाशन को लेकर संपादक जी को बार-बार धमकी दिया जा रहा है।
बता दें कि, संपादक के पीछे दरवाजे के समक्ष जबरन कब्जा करके गड्डा कर दिया गया है जबकि वह जगह निस्तार, नाली व सेप्टी टैंक की भूमि है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि, किसी के दबाववश निर्माण की तैयारी की जा रही है। यहां तक कि, भू-माफिया संपादक को एसटी, एससी एवं अन्य मामले में फसाने की धमकी दे रहा है क्योंकि तालाब खरीदने वालों का समूह बहुत बड़ा है। ये किसी भी स्थिति में कही हद तक संपादक से विवाद की स्थिति बनाये हुए है। आये-दिन बाईसागर तालाब के ऊपर समाचार प्रकाशन चल रही है पर प्रशासन नजर अंदाज कर रहा है।
इस संबंध को लेकर कोरिया प्रशासन को बार-बार अवगत किया जा रहा है कि, ये अपने पैसे व सत्ता का दुरूपयोग कर रहे है। पूर्व में बैकुण्ठपुर मुख्यालय का बाईसागर तालाब लोगों के लिए शोभा का आकर्षित स्थान था, जो कि शाम के वक्त लोगबाग उस तालाब के पास मनोरंजन करने आते थे। अब उस तालाब को विलुप्त कर दिया गया।
कोरिया प्रशासन ऐसे सिरफिरे लोगों के ऊपर कार्यवाही के निर्देश दें व कभी भी संपादक के साथ जमीन निस्तार को लेकर आसामाजिकतत्वों के द्वारा प्राण घातक हमला हो सकता है। इसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। जब तक तालाब व संपादक के निस्तार का निराकरण न हो तब तक के लिए प्रशासन कार्य निर्माण पर प्रतिबंध लगायें।