जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर चरचा नगर पालिका परिषद में बताया जा रहा है कि, कांग्रेस का बहुमत होते हुए भी पार्षदों के द्वारा पद का दुरूपयोग किया गया। जिसमें पार्षद ठेकेदार बनकर काम किये। जानकार सूत्र बताते है कि, पार्षदों ने पैसे को लेकर आपसी सहमति न होने के कारण अंदर-ही-अंदर दूसरे गुठों से सम्पर्क साध लिया।
मिली जानकारी के अनुसार, पार्षदों की सहमति से अविश्वास प्रस्ताव के लिए कलेक्टर को पेश किया गया। जो कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष चरणदास मंहत के गुठ का व्यक्ति है। जब इतना उत्थल-पूत्थल हो रहा था तो कांग्रेस अध्यक्ष के द्वारा चाहते तो समझाईस हो सकती थी। परंतु बताया जा रहा है कि, अध्यक्ष की लापरवाही के कारण कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को वोटिंग के समय दो वोट अन्य और एक वोट अपना लेकर पराजय का मुंह देखना पड़ा। ये सोचने वाली बात है कि, क्राॅस-वोटिंग के पूर्व पार्षदों को कहां एकांतवास दिया गया ? और जब वोटिंग का समय आया तो सभी पार्षद वोट डालने के लिए सम्मिलित हो गये। अब इसमें देखा जाये तो कांग्रेस की स्थिति ऐसी हो गयी है कि, कांग्रेस में कई गुठ बन चुके है और गुठों के कारण कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गये।