बैकुण्ठपुर जिला-कोरिया के तहसील कार्यालय में भर्राशाही का एक कमाल देखने को मिल रहा है। जानकार सूत्र बताते है कि, विरेन्द्र सिंह माटीझरिया के निवासी ने तहसील कार्यालय के बाबू (अमृता गुप्ता) के ऊपर तीन हजार रूपये नगद लेने का जनदर्शन में शिकायत लिखित रूप से किया गया है। चर्चा का विषय है कि, पूर्व में भी बाबू की कई शिकायत की गयी। बताया जाता है कि, आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए देवेन्द्र जायसवाल की नियुक्ति की गयी थी किसके आधार पर नियुक्ति की गयी, जो कि अब किसके आदेश पर हटाया गया ?
जानकार सूत्र बताते है कि, जांच किया जाये तो देवेन्द्र जायसवाल द्वारा कुछ फर्जी आय, जाति और निवास बनाये गये है। लोगों में चर्चा है कि, तहसील के कानून व समस्त बाबू बिना पैसे लिए कोई कार्य नहीं करते। तहसील में ऐसे भी बाबू है जो कि लगभग 20 सालों से जमे हुए है, ये नियम विरूद्ध कार्य तहसील में किसके आदेश एवं किसके दबाव में चल रहा है। आप सुबह से शाम तक देखेंगे कि, जैसे सतसंग में दरबार लगा रहता है वैसे ही सुबह से शाम तक जनता तहसील कार्यालय में बैठी रहती है और शाम को चली जाती है। क्या एस.डी.एम. महोदया जी तहसील कार्यालय की समीक्षा करेंगी ?
अब देखना यह है कि, जिनके ऊपर जनदर्शन में शिकायत किया गया है उस शिकायत पर कार्यवाही होगी या नहीं। बताया जाता है कि, पटवारी भी बिना पैसे के कोई काम नहीं करते। बैकुण्ठपुर पटवारी जो कि कम्प्यूटर आॅपरेटर नक्शा, खसरा, बी-1 निकालने के लिए प्राइवेट कर्मचारी रखा हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार, सरगुजा आयुक्त ने जो कि मौखिक रूप एस.डी.एम. महोदया जी से पटवारी को हटाने के लिए कहा गया था अब छुट्टी पूरी हो जाने के बाद पटवारी हटेगा या रहेगा ? क्या पटवारी की राजनितिक पकड़ है या कुछ और ? बैकुण्ठपुर एस.डी.एम. भ्रष्टाचारियों की जांच करें। ताकि आमजनता प्रशासन पर पूरा भरोसा कर सके और शिक्षा विभाग के शिक्षकों द्वारा काम कराया जा रहा है वो भी गलत ढंग से यूज लिया जा रहा है। जबकि चुनाव के दौरान कहा गया था कि, शिक्षको की मदद ली जाये जबकि अब चुनाव समाप्त हो चुका है। तो शिक्षकों को यथा स्थान पर चले जाना चाहिए।
जानकार सूत्र बताते है कि, एक महिला शिक्षा विभाग की है वह कभी तहसील कार्यालय में नहीं आती, परंतु घर बैठे पैसा ले रही है। श्रीमान् कलेक्टर महोदय और एस.डी.एम. महोदया इस पर विशेष ध्यान दें ताकि जनता राहत की सांस लें।