कोरिया : जिले के समस्त 571 प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में परीक्षा परिणाम घोषित करने के साथ 26 हजार विद्यार्थियों को प्रगति पत्रक का वितरण किया गया। वहीं। प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्कूल की तरफ से ट्रॉफी, मेडल, प्रमाण पत्र, डायरी, कॉपी, पेन, बॉटल आदि पुरस्कृत किया गया, जिससे छात्र-छात्राओं में आत्मविश्वास एवं पालको में उत्साह देखा गया और इस तरह के प्रयासों को सराहा गया।
जिला कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं के परीक्षा परिणाम आने पर सभी विद्यार्थियों को बधाई दिए और आगे कक्षाओं के लिए खूब मेहनत करने को कहा।
श्री लंगेह ने कहा कि बहुत जल्दी दसवीं व बारहवीं के परीक्षा परिणाम भी आने वाले हैं। सभी विद्यार्थियों को रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है। उन्होंने कहा कि कुछ विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम आशा अनुरूप होगे तो कुछ का परिणाम अपेक्षा से कम होंगे वहीं कुछ विद्यार्थियों के परिणाम निराशाजनक होंगे तथा कुछ जो अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे वे निराश होंगे जिससे तनाव की स्थिति उत्पन्न होगी। श्री लंगेह ने परीक्षा में बैठे विद्यार्थियों व उनके पालकों को महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा कि परीक्षा निश्चित ही उत्तीर्ण होने के लिए दिए जाते हैं लेकिन कई बार अलग-अलग कारणों के कारण परिणाम मन मुताबिक नहीं होता। ऐसे में कोई भी विद्यार्थी अपने धैर्य नहीं खोना चाहिए और पालक, अभिभावक, शिक्षक ऐसे समय में विद्यार्थियों से सकारात्मक बातें व उनकी हौसला अफजाई करनी चाहिए।
’फेल छात्र न हो निराश, पहचान बनाने की है जिद, तो जरूर मिलेगी सफलता’
जो छात्र बोर्ड परीक्षाओं में फेल हो जाते हैं उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। छात्रों को डांटने या उन्हें शर्मिंदा करने की बजाय यह समय उनके साथ खड़े होने का है।
’पसंद की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें’
श्री लंगेह ने कहा कि जिन बच्चों के नंबर कम आएं या फिर किसी कारण फेल हो गए हैं, उन्हें शर्मिंदा करने या उन्हें डांटने- फटकारने की बजाय उनका हौसला बढ़ाने और उनकी पसंद की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करनी चाहिए। उन्हें कड़ी मेहनत करने और उनका आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए।सकारात्मक सोच और मेहनत के दम पर विद्यार्थी आसमान छू सकते हैं।
’हताशा न हो हावी’
असफल रह जाने वाले या कम अंक हासिल करके दुखी/उदास/हताश होने वाले छात्र-छात्राओं से कलेक्टर श्री लंगेह ने कहा कि बेशक असफलता निराश और दुखी करती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप आगे कुछ और नहीं कर सकते या फिर आपके भीतर कोई प्रतिभा है ही नहीं। आपके भीतर भी प्रतिभा है, जरूर है। बस आपको उसे पहचानने की जरूरत है। अपने माता-पिता से झूठ बोलने, परीक्षा में नकल करके पास होने या अध्यापकों से बहाने बनाने की बजाय आप जैसे हैं, वैसे ही रहने की कोशिश करें। हां, बस आप अपने भीतर छिपे टैलेंट को पहचानने का पूरा प्रयास करें।
’टैलेंट को बनाएं जुनून’
एक बार अपनी प्रतिभा को पहचान लेने के बाद उसे अपना जुनून बनाने की ओर अग्रसर हों। हो सकता है कि इसके लिए आपके पास संसाधन नहीं हों या कम हों, लेकिन इससे हार न मानें। इसे जिद बनाकर मेहनत और अभ्यास करेंगे, तो धीरे-धीरे उस क्षेत्र में आपको कामयाबी मिलनी आरंभ हो जाएगी। अगर ऐसा नहीं भी होता और शुरुआत में आपको सफलता नहीं मिलती, तो भी अपने प्रयास न छोड़ें। अगर आपके भीतर अपनी पहचान बनाने की जिद और भूख होगी, तो एक न एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी।
’हेल्प लाइन नंबर जारी’
परीक्षा संबंधित किसी भी प्रकार का मार्गदर्शन या समाधान प्राप्त करना चाहते हैं, उन विद्यार्थियों व पालको के लिए कलेक्टर श्री लंगेह के निर्देश पर हेल्पलाइन नंबर 7049771777 जारी की गई है ताकि अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सके।