स्तर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र है। इनमें बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा और जगदलपुर में मतदान चल रहा है। कोंडागांव, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा में दोपहर 3 बजे तक मतदान चलेगा। जबकि बस्तर और जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में शाम 5 बजे तक मतदान होना है। पोलिंग बूथों के बाहर मतदाताओं की कतार लगी हुई है। मतदान केंद्रों में कड़ी सुरक्षा की गई है। करीब 80 हजार जवानों की तैनाती की गई है। इनमें 35 हजार जवान सेंट्रल फोर्स के हैं। बस्तर लोकसभा सीट से बीजेपी-कांग्रेस सहित 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं, 14 लाख 72 हजार 207 वोटर्स इनमें से अपना सांसद चुनेंगे।
बीजापुर में IED ब्लास्ट हो गया। ये ब्लास्ट भैरमगढ़ थाना इलाके के चिहका में हुआ। दरअसल, CRPF-62/E के असिस्टेंट कमांडेंट मनु एचसी चिहका पोलिंग बूथ के आसपास के दायरे में एरिया डॉमिनेशन के लिए निकले थे। इस घटना में असिस्टेंट कमांडेंट के बाएं पैर और बाएं हाथ में चोट आई है। बता दें कि ये ब्लास्ट मतदान केंद्र के 500 मीटर की दूरी पर हुआ। बीजापुर में हुए ग्रेनेड ब्लास्ट को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि उन्होंने इस घटना में घायल हुए जवान के इलाज के निर्देश दिए हैं।
राज्य में चल रही वोटिंग के दौरान कई बुजुर्ग व्हीलचेयर पर मतदान करने पहुंचे। बीजापुर जिले में राजनीतिक दल का प्रचार करने पर कलेक्टर अनुराग पाण्डेय ने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। दरअसल, प्रकाश कुमार ठाकुर सहायक ग्रेड-3 जनपद पंचायत बीजापुर और सचिव मिरजा खान ने सोशल मीडिया के जरिए राजनैतिक दलों का प्रचार-प्रसार किया था। गुरुवार को कलेक्टर ने आदेश जारी कर दोनों को सस्पेंड कर दिया ।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पूर्वती गांव में अब तक वोटिंग नहीं हुई है। दरअसल, इस क्षेत्र में नक्सलियों का खौफ है, जिस वजह से वहां के लोग गांव ही छोड़कर चले गए हैं।
बस्तर सीट पर अब तक 17.05 प्रतिशत मतदान हो चुका है। वहीं, बीजापुर में 7.8 प्रतिशत वोटिंग हो चुकी है।
पोलिंग बूथ पर सेल्फी जोन भी बनाया गया है। यहां पर आदिवासी संस्कृति की भी झलक दिख रही है। आदिवासी नृत्य करती महिलाओं की तस्वीरें लगाई गईं हैं।
छत्तीसगढ़ में वोटिंग के लिए 1961 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। 159 पोलिंग बूथ नो नेटवर्क जोन में है। इनमें से 90 केंद्रों में सूचना देने के लिए वॉकी-टॉकी की व्यवस्था की गई।
वहीं, कई केंद्र ऐसे भी हैं जहां वॉकी-टॉकी की भी व्यवस्था नहीं हैं। ऐसे स्थानों पर रनर की मदद से सूचनाएं भेजी जा रहीं हैं।