छत्तीसगढ़ : पत्रकारता के नाम पर मंत्रियों व अधिकारियों से कर रहा है वसूली ?………..
छत्तीसगढ़ रायपुर में सरफिरा पत्रकार जो कि आज तक किसी चैंनल को नहीं छोड़ा और जिस चैंनल में रहा उस चैंनल के नाम से वसूली किया। जिसका नाम है सोमेस पटेल। जो कि बैकुण्ठपुर कोरिया से कुछ लोगों से शोषण करते हुए उसी ने पूर्व में एक फर्जी विडियों बनाया था जिसमें ‘‘दमाने दारू पमाने पीओ’’। उस मामले में सोमेस पटेल के ऊपर एफ.आई.आर. दर्ज हुआ था। जिसमे एक गुरूजी से पांच हजार रूपये मांगा था। जिसमें पूर्व मंत्री की छत्रछाया में बच निकला। आज पूरा परिवार भ्रष्टाचारी में अखण्ड डूबा हुआ है। जिसके पिता स्वामीनाथ पटेल बैकुण्ठपुर जल संसाधन विभाग में हमेशा उपस्थित रहते है जबकि उस विभाग के किसी पद में कार्यरत् नहीं है। जानकार सूत्र बताते है कि, ई से ऐसा संबंध जोड़ लिया है जिससे फर्जी बिलों की जानकारी मिल रही है। सोमेस पटेल एक ऐसा व्यक्ति है जो अच्छे-अच्छे लोगों को लुभा लेता है और पैसा निकालने में माहिर है। इसका बचपन का रिकाॅर्ड देखा जाये तो लोग बताते है कि, स्कूल से बच्चो का स्लेट, काॅपी और खाना तक को चुरा लेता था। आज भी वही आददत बचपन की पड़ी हुई है। रायपुर में मंत्रियों का चक्कर लगाते रहता है। पत्रकारता के नाम से करोड़ो रूपये मंत्रियों व अधिकारियों से शोषण करता है। इसने वन विभाग में मुख्य प्रधान संरक्षक पर ऐसा दबाव बनाया जो कि अपने जीजा मनीष पटेल और भाई को वन विभाग में नौकरी पर रखा गया है। सोचने वाली बात है कि, प्रधान वन संरक्षक भी दबाव में आ गये और माइक पर ऐसा भ्रष्टाचारी की बात बताता है कि, जैसे बहुत बड़ा ईमानदार हो। इसका शासकीय रिकाॅर्ड देखा जाये तो 15-20 जमीने खरीद चुका है। जहां इसका परिवार रहता है वहां की जमीन ही 1 एकड़ के लगभग है। और तो और पूरे घर में टाईल्स मार्वल ऐसे लगाया है जैसे राजा फेल हो। आय से ज्यादा सम्पत्ति इनके पास मौजूद है। लोगों का कहना है कि, दूरदर्शन में ऐसे चोरो को कैसे स्थान दिया गया। या तो कमीशन पर रखा गया है या तो महीना वसूली पर रखा गया है। मीडिया के नाम पर धज्जियां उड़ाने वाला अपने पिता के नाम पर जमीने खरीदे पड़ा है। दूरदर्शन व अन्य चैंनलों को ऐसे गंदे व्यक्ति का बहिष्कार करना चाहिए। क्योंकि इसका मेन उद्देश्य खाली पैसा लूटना है। और मीडिया को बदनाम करना इसका कार्य है। जब से पत्रकारता कर रहा है तब से लेकर अब तक कितना जमीने खरीद चुका है ? इसका बी-1, खसरा और रकबा को देखकर ई.डी. को यह देखना चाहिए कि यह पैसा कहां से आ रहा है जबकि पिता कुछ करता नहीं है। इनके पिता रहिसी और लड़के के नाम पर धौस देकर पैसे वसूली कर रहा है। पिता के नाम पर हर साल जमीने खरीदी जा रही है तो लड़को के नाम पर वाहन व रायपुर में मकान भी देखा जा सकता है। जिसकी विस्तार से जानकारी बी-1, खसरा समाज के समक्ष प्रस्तुत है। इसकी विस्तार से जानकारी और भी टीम खंगाल रही है।