गरियाबंद : शासकीय प्राथमिक और मिडिल स्कूल में मिलने वाले मध्यान्हभोजन में बच्चो को परोसी जा रही सोयाबीन बड़ी में लगातार कीड़े, इल्ली, घुन निकलने की शिकायत सामने आ रही है। शिकायत मिलने पर अधिकारी जांच करने पहुंचे। जांच के दौरान जब अधिकारियों के सामने सोयाबीन बड़ी के सील पैक पैकेट को खोलकर उसे गर्म पानी में डालकर पकाया गया तो उसमें से छोटी-छोटी इल्लियां निकली और दूसरे पैकेट में से घुन निकले। वहीं तीसरा पैकेट ठीक निकला। जिसके बाद जिला स्त्रोत समन्वयक केएस नायक ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपने की बात कही। बीते कुछ दिनों में अंग्रेजी माध्यम आत्मानंद इंग्लिश स्कूल और डाकबंगला स्कूल में भी कीड़े निकले थे। जिसके बाद उन्होंने सोयाबड़ी खिलाना बंद कर दिया। ऐसा नहीं है कि यह शिकायत दो-तीन स्कूल में ही आई है। लगभग हर स्कूल से कीड़े निकालने की शिकायत आते रहती है। स्कूलों में आने वाली सोयाबीन बड़ी की कीमत 131 रुपये किलोग्राम बताई जाती है। जो खाना बनाने वाले स्व-सहायता समूह के खाते से कटता है। पैकेट में 1 साल की अवधि लिखी होती है। लेकिन मैन्युफैक्चरिंग डेट दूसरी जगह लिखी होने के चलते लोगों को दिखाई नहीं देती है। गरियाबंद विकासखंड के अंतर्गत 192 प्रायमरी स्कूल हैं जिसमें 8432 बच्चे हैं। इसी तरह 93 मिडिल स्कूल हैं जिसमें 4,959 बच्चे हैं। शासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार प्राइमरी स्कूल के बच्चों को 10 ग्राम और मिडिल स्कूल के बच्चों को 15 ग्राम बड़ी सब्जी में मिलाकर खिलाना है लेकिन बड़ी की क्वॉलिटी को देखते हुए अधिकतर बच्चे इसे खाने से परहेज करते हैं। इस मामले में कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। इसे जिला शिक्षा अधिकारी और संकुल स्त्रोत समन्वयक को जांच के लिए दिया गया है। अगर इस तरह की शिकायत सही पाई जाती है तो जिस संस्था के द्वारा बड़ी की सप्लाई की जाती है उसके ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी।