कोरिया जिले में रहने वाले उपयंत्री शेषमणी पटेल जिनकी पैतृक निवासी रीवा है। जानकार सूत्रों के अनुसार पूर्व में एक कोचिंग क्लास चलाते-चलाते उपयंत्री प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना संविदा के उपर आसीन हुए है। उनके डिग्री पर लागों के द्वारा सवाल उठ रहा है कि, उपयंत्री प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना संविदा में बतौर है। और वह पूर्व में कई पदभार संभाल चुके है। नगर पालिका बैकुण्ठपुर, नगर पालिका चरचा भी इनके देख-रेख में रहा है। ऐसा कलाकारी उपयंत्री ने नहीं देखा होगा। बस स्टेण्ड में दूकानों का कार्य जो कि दिवाल का नींव खोदना चाहिए पर तलाब की दिवाल पर ही दिवाल खड़ा कर दिया गया है। बैकुण्ठपुर नगर पालिका में उनके कार्य के कारनामे छीपे नहीं है। उनके द्वारा ठेकेदारों से अनाप-सनाप कमिशन बतौर लिया गया है। इसी प्रकार चरचा नगर पालिका में कार्य का देखभाल उपयंत्री शेषमणी पटेल के हाथों में रहा है। इनके द्वारा पूरा नियम ताक पर रखकर कार्य करते है। देखने वाली बात है कि, अपने मकान निर्माण में किसके नियम से नहर को पाठ कर अपना निस्तार बना लिया है। संविदा का कमाल यह है कि, इनका दो मंजील का मकान निर्माण किया गया है जो कि तलवापारा पंचायत के अधिन है। क्या इनके द्वारा पंचायत से कोई स्वीकृति लिया गया है या नहीं ? जानकार सूत्र बताते है कि, नाम मात्र को ही संविदा उपयंत्री है पर ठेकेदारी भी करते है। इनके द्वारा ऐसे कई रोड़ का निर्माण किया गया है जो कि, नाम किसी और का और काम उपयंत्री का है। जांच का विषय है कि, संविदा के उपयंत्री जो आज अरबो-अरबो में खेल रहे है इनके पास जो खेतीहार जमीन एकड़ों में खरीदे हुए है जिनका मूल्यांकन किया जाये तो 60-70 करोड़ का हो सकता है। उपयंत्री अब चार चक्का वाहन को भी मेंटेनेंस कर रहे है। और ठेकेदारों से खुलकर कमिशन लेते है। जानकार सूत्र बताते है कि, 5-10 प्रतिशत कमिशन लेने में कमी नहीं करते है। आज सोचने वाली बात है कि, जब संविदा का समय खत्म होता है तो उपर जाकर 15-30 लाख रूपये तक देकर अपनी संविदा का समय बढ़वा लेते है। जब संविदा में अरबपति बन सकता है तो रेगुलर में मालोमाल कितना हो जाता होगा । जांच के बाद इसके बारे में और प्रकाशित किया जायेगा ।
मिला मौका मार दिया चौका ?………..
उपयंत्री प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना संविदा में बतौर है।