छ0ग0 एक आदिवासी बहुमुल्य क्षेत्र है जिसमें कुछ नेताओं द्वारा अन्य जातियों को आदिवासी बनानें की कर रहें है दुहाई नेताओं द्वारा आदिवासी बनानें का ढोंग रचनें वालें ये नहीं जानते कि पुर्व से बने हुये आदिवासी और बनानें वाले आदिवासियों में कितना फर्क है। खाली अपनें स्वार्थ के लिये आदिवासी बनना अनुचित है। पूर्व में किसी आदिवासी परिवार से विचारधारा लिया जाये तो आदिवासी की असली परिभाषा समझ आयेगी।
अपनी-अपनी वोट की राजनिति को सुर्खियों में लानें के लिये आम जनता के साथ खेल खेल रहे है। ये भी देखनें को मील रहा है कि कुछ सामन्य व पिछडी जाति के लोग अपनें स्वार्थ के लिये आदिवासी परिवारों से रिश्ता बनाये हुए है समय आने पर आदिवासियों को पैसे का लालच देकर ओबीसी व सामान्य जाति के लोंग आदिवासी पर उसकी जाति का दुरूपयोग करकें सामनें वाले व्यक्ति पर आदिवासी एक्ट लगा दिया जाता हैै। क्या बननें वाले आदिवासी अपनी बहन बेटियों को आदिवासी परिवारों में शादी संबंध करेंगे सोचनें वाली बात है? अभी चुनाव आने वाला है लोगों को मोहित करने के लिये किस-किस चीज का पैतरा बदल बदलकर जनता को गुमराह करेंगे। क्या आदिवासी समाज बने हुये आदिवासियों को स्वीकार करेंगे? सत्ताधारी बहुमत में है तो सभी को ही आदिवासी क्यू नही बना देते इससे साबित हो रहा है कि अपनें जाति को अपने-अपनें पद का दुरूपयोग कर रहें है। देखना ये है कि केन्द्र शासन ऐसे बनावटी आदिवासियों को स्वीकार करेगा या नहीं।