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किसान कर सकते हैं पत्तों की खेती, लाखों की कमाई का आसान तरीका,सरकार से सब्सिडी भी मिलेगी…..

ऐसे में किसान इन पत्तों की खेती करके काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इन पत्तों की खेती में लागत भी कम आती है और मुनाफा इससे कहीं ज्यादा होता है

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रायपुर. आज कई किसान कुछ खास किस्म के पेड़ों के पत्तों की खेती करके काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. खास बात ये हैं कि इनमें से कुछ पत्तों की खेती के लिए सरकार से सब्सिडी भी दी जाती है. ऐसे में किसान इन पत्तों की खेती करके काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इन पत्तों की खेती में लागत भी कम आती है और मुनाफा इससे कहीं ज्यादा होता है

सबसे पहले बात कर लेते हैं देश में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा खेती की जाने वाले पत्ती की. आपको इस बारे में शायद ही जानकारी होगी कि तेंदूपत्ते का इस्तेमाल बीड़ी बनाने के लिए किया जाता है. अगर आप तेंदूपत्ते का बिजनेस शुरू करते हैं. ऐसे में इस बिजनेस को शुरू करने के बाद अपनी शानदार कमाई कर सकते हैं.

पान के पत्तों का चयन भारत में काफी पुराना है. सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी का लाभ भी प्रदान किया जाता है. पान की कई प्रकार की वेरायटी आती है जिनमें मगही पान की खेती किसान काफी करते हैं. भारत में दक्षिण और पूर्वी इलाकों में पान की खेती काफी की जाती है. एक अनुमान के मुताबिक बेहतर कृषि तकनीकों का इस्तेमाल करके इसकी खेती से प्रति हैक्टेयर 100 से 125 क्विंटल तक पान के पत्तों की पैदावार प्राप्त की जा सकती है. दूसरे और तीसरे साल इसकी 80 से 120 क्विंटल तक उपज प्राप्त होती है.

तेज पत्ता का इस्तेमाल मसाले के रूप में होता है. इसके प्रयोग गरम मसाला बनाने में किया जाता है. साथ ही इसे सब्जी, पुलाव आदि बनाने में भी मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. ये सूखा होने पर ही बेचा जाता है. इसे पत्तों के रूप में बेचा जा सकता है. वहीं इसको पीसकर भी इसे बाजार में सप्लाई किया जा सकता है. तेज पत्ते की खुशबू काफी अच्छी होती है और यही कारण है कि ये इसका इस्तेमाल सब्जी का स्वाद और ज्यादा बढ़ा देता है. आजकल बाजार में तेज पत्ते की डिमांड काफी है. इसे देखते हुए किसान इसके पत्तों की खेती करके बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं. इसकी खेती पर भी किसान सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं. तेज पत्ते की खेती के लिए राष्ट्रीय औषधीय बोर्ड की ओर से 30 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है. एक अनुमान के मुताबिक तेज पत्ता के एक पौधे से किसान सालाना 5 हजार रुपए की कमाई कर सकते हैं. यदि ऐसे ही 25 पौधे लगा दिए जाए तो साल भर में आसानी से 75 हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए की कमाई तेज पत्ता से की जा सकती है. 

सहजन एक ऐसा पौधा है जिसके फल, फूल और पत्तियां सभी का उपयोग किया जाता है. इसके पत्तों का उपयोग आयुर्वेदिक बूटी के रूप में किया जाता है. सरकार की ओर से प्रति हैक्टेयर में सहजन की खेती के लिए 74000 रुपए की लागत तय की गई है. एक अनुमान के मुताबिक यदि किसान एक एकड़ में सहजन के 1200 पौधे लगाते हैं और उन्नत कृषि क्रियाओं का उपयोग करते हैं तो इसकी पत्तियां बेचकर किसान 60 हजार रुपए तक की कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा इसकी फलियों को बेचकर किसान एक लाख रुपए की कमाई आसानी से कर सकते हैं

केले को बेचकर तो कमाई की जा ही सकती है, लेकिन इसके पत्तों से भी काफी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है. इन दिनों लोग प्राकृतिक चीजों के इस्तेमाल पर काफी जोर दे रहे हैं. ऐसे में केले के पत्तों का उपयोग प्लास्टिक के विकल्प के रूप में करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. दक्षिण भारत में तो केले के पत्तों की काफी डिमांड रहती है. सरकार की ओर से किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. कृषि विभाग के अनुसार इस विधि से केले की खेती करने पर एक हैक्टेयर में करीब 1.25 लाख रुपए की लागत आती है. इसमें से 50 प्रतिशत सब्सिडी किसानों को दी जाती है. इस तरह किसान को सब्सिडी के तौर पर 62500 रुपए की सब्सिडी मिलती है. ऐसे में किसानों के लिए केले की खेती डबल मुनाफे का सौंदा है. एक तो केले के फल बेचकर और दूसरा उनके पत्तों को बेचकर किसान कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा केले के पत्तों से ट्रे और प्लेट बनाने का बिजनेस शुरू करके भी अच्छी कमाई की जा सकती है. 

साल (शाल) के पेड़ के नाम से भी जाना जाता है. ये पेड़ हिमालय की तलहटी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उगता है. मुख्यतौर पर यह उत्तरप्रदेश, बिहार, बंगाल, झारखंड और असम छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के  जंगलों में पाया जाता है. यह पेड़ अत्यंत उष्ण और ठंडे स्थानों में आसानी से उगता है. इस पेड़ की लकड़ी काफी मजबूत होती है. इसलिए इसका उपयोग घर के दरवाजे व खिड़की के पल्ले बनाने, गाड़ी और छोटी नाव बनाने में किया जाता है. शाल के पत्तों का उपयोग भी केले के पत्ते की तरह भोजन परोसने में किया जाता है. एक अनुमान के मुताबिक यदि आप एक एकड़ में इसके 650 पौधे लगाते हैं. हालांकि इसके पेड़ों को तैयार होने में करीब 7 से 9 साल तक का समय लगता है. लेकिन पूर्णरूप से तैयार पेड़ों की लकड़ी और पत्तों को बेचने से काफी अ’छी कमाई होती है. इसके पौधे 100-200 रुपए प्रति नग के हिसाब से बिकते हैं.  शाल की के पेड़ों की खेती भी किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित हो सकती है.

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