मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर :- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा आमजन की सुविधा हेतु नामांतरण प्रक्रिया में सरलीकरण की घोषणा की गई थी जिसमें अविवादित नामांतरण एवं खाता विभाजन प्रकरणों के त्वरित एवं समयबद्ध निराकरण हेतु नामांतरण प्रक्रिया को सरलीकृत करते हुए भू राजस्व संहिता के प्रावधानों में संशोधन किया गया और ऑनलाईन नामांतरण पोर्टल के नये वर्जन का शुभारंभ किया गया जिसमें अब पोर्टल के माध्यम से पंजीयन कार्यालय एवं नागरिकों से प्राप्त ऑनलाईन आवेदन नामांतरण पंजी में स्वतः दर्ज हो रहे हैं। साथ ही नवीन प्रक्रिया अनुसार ऑनलाइन आवेदन के पश्चात क्रेता से राजस्व न्यायालय अथवा ग्राम पंचायतों में नामांतरण किए जाने के संबंध में विकल्प दिया जा रहा है। जिससे ग्रामीण पंचायत स्तर पर ही अविवादित नामांतरण की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में जिले में भी आवेदकों के नामांतरण प्रकरण शीघ्र निराकृत हुए। जिसमें ग्राम पंचायत सांवारावा के विनीत कुमार कुशवाहा तथा रविन्द्र नाथ कुशवाहा, सरडी की दीपा एक्का तथा प्रिसिला एक्का, ओड़गी के रामनन्दे साहू तथा धनमनिया, रनई के कार्तिक कुमार साहू के नामांतरण प्रकरणों का निराकरण हुआ।
ग्राम सांवारावा के विनीत कुमार कुशवाहा तथा रविन्द्र नाथ कुशवाहा ने भूमि क्रय के पश्चात नियत दिनों के भीतर ही नामांतरण की सुविधा प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का धन्यवाद किया है। विनीत कुमार ने बताया कि भुइंया पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन नामांतरण लोगों के लिए सुविधाजनक है, इसमें राजस्व न्यायालय अथवा ग्राम पंचायतों में नामांतरण का विकल्प मिलने से अब ग्राम पंचायत में ही अविवादित नामांतरण हो गया है। पटवारी तथा तहसील कार्यालय नहीं जाना पड़ा तथा समय की भी बचत हुई।
नवीन प्रक्रिया अनुसार ऑनलाइन आवेदन के पश्चात क्रेता से राजस्व न्यायालय अथवा ग्राम पंचायतों में नामांतरण किए जाने के संबंध में विकल्प के पश्चात आम ईश्तहार एवं व्यक्तिशः सूचना की प्रति विभागीय वेबसाइट में उपलब्ध है। नये वर्जन में पक्षकारों को प्रकरण दर्ज होने, प्रत्येक पेशी तारीख तथा आदेश पारित होने की तारीख एवं अभिलेख दुरूस्ती होने की सूचना एसएमएस के माध्यम से दी जा रही है। प्रकरण में आपत्ति प्राप्त नहीं होने पर आदेश पारित किया जाता है। आदेश पारित होने के 07 दिवस के भीतर हल्का पटवारी द्वारा अभिलेख दुरूस्ती कर डिजिटल हस्ताक्षर से सत्यापन की कार्यवाही की जाती है।