बैकुण्ठपुर मुख्यालय में कलेक्टर महोदय बैठे हुए है। और तरगवां धान खरीदी केन्द्र व गिरजापुर धान खरीदी केन्द्र सरभोका और पटना धान खरीदी केन्द्र के अंतर्गत आती हैं। जिसकी प्रशासक नायाब तहसीलदार पटना है। जब तहसीलदार के आइडी के द्वारा फर्जी ढ़ंग से व किसके इशारे पर नायाब तहसीलदार के आईड़ी का उपयोग किया गया। जितना फर्जी तरीके से धान बेचने वाला अपराधी है। उतना ही धान खरीदी केन्द्र का प्रबंधक भी है। धान खरीदी प्रबंधक व समस्त स्टाफ भी उतने ही अपराध की श्रेणी में आते है। जबकि नायाब तहसीलदार की आईड़ी से छेड़-खानी करना। उसी श्रेणी में अधिकारी भी आते है। जब आम जनता के ऊपर कानून लागू है। तो अधिकारी को वंचित क्यों किया गया ?
बैकुण्ठपुर मुख्यालय की जनता की आवाज को इस समाचार के माध्यम से जानना चाहती है। की बैकुण्ठपुर के कलेक्टर धान खरीदी केन्द्र पटना से लगीे सभी धान खरीदी केन्द्रों में जो फर्जीढंग से खरीदी की गइ है। उसमें सभी अपराधियों पर मामला दर्ज किया जाना चाहिये। ये सब पछपात रवैया से मुख्यालय बैकुण्ठपुर की जनता विचलित है। और एक अधिकारी को बचाया जा रहा है। जो कि एस डीएम के परिवार से ताल्लुक रखता है इसलिये पछपात किया जा रहा है। इसमें जाॅच की जाये तो राज्य शासन के करोड़ो रूपये का हेरा-फेरी पाया जा सकता है क्या बैकुण्ठपुर मुख्यालय के कलेक्टर इसमें ध्यान देंगे।
पटना की आम जनता नायाब तहसीलदार की आईड़ी को लेकर तरह-तरह के सवाल खडे कर रहे है। यहां तक की लोगो का कहना है के नायाब तहसीलदार पर भी एफ आई आर दर्ज किया जाना चाहिए।