मनेन्द्रगढ़ :- वन मंडल के जनकपुर वन परिक्षेत्र में बीते 1 महीने से आतंक का पर्याय बना तेंदुआ आखिरकार पिंजरे में फंस ही गया. तेंदुआ के पिजड़े में फंसने की जानकारी मिलने के बाद वन अमले के साथ ही साथ ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. अब इस तेंदुए को जंगल सफारी रायपुर ले जाया जाएगा.
जनकपुर भरतपुर क्षेत्र में बीते 1 महीने से ग्रामीण भय और आतंक के साए के बीच जीवन यापन कर रहे थे. दरअसल इलाके में 1 महीने के बीच नरभक्षी तेंदुए ने तीन ग्रामीणों को अपना शिकार बना लिया था, जबकि एक ग्रामीण को तेंदुए ने अधमरा कर दिया था. लगातार बढ़ रही घटनाओं के बाद लोगों के सब्र का बांध तब टूट पड़ा, जब 4 दिनों पहले तेंदुए ने अपना तीसरा शिकार किया. इस घटना के बाद मृतक के परिजनों के साथ ही ग्रामीण जनकपुर अस्पताल में जमा हो गए.
ग्रामीणों का कहना था कि, जब तक तेंदुए को पकड़ नहीं लिया जाता या उसे मारने का आदेश नहीं दिया जाता तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. इसे देखते हुए वन विभाग द्वारा लगातार तेंदुए को पकड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे थे. बढ़ता जन आक्रोश देखकर के आर बड़ई, सी एफ वाइल्ड लाइफ सरगुजा और एडिशनल पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जंगल सफारी कौशलेंद्र कुमार रायपुर, मनेन्द्रगढ़ वन मंडल के डीएफओ, गुरु घासीदास नेशनल पार्क के डीएफओ भी जनकपुर पहुंच गए.
वहीं तेंदुआ के आदमखोर होने के कारण नौड़िया, चरखा, बेला, सिंगरौली समेत आसपास के लगभग 10 गांवों में तेंदुए के आतंक के चलते लोग भय के बीच जी रहे थे. इस बीच तेंदुए को पकड़ने के लिए तमोर पिंगला से हाथी को बुलाया गया, जिसमें सवारी कर एक्सपर्ट टीम तेंदुए पर नजर रखने के साथ ही साथ उसे बेहोश कर ट्रेंकुलाइज करती. तेंदुए को पकड़ने के लिए कई जंगली इलाकों में पिंजड़ा रखकर वन अमला पूरी चौकसी कर रहा था. इस बीच बुधवार की सुबह ग्राम नौड़िया में रखे हुए एक पिंजरे में तेंदुए को देखा गया. यह जानकारी मिलने के बाद वन अमले के साथ ही साथ ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. बताया जा रहा है कि, तेंदुआ को जंगल सफारी रायपुर ले जाया जाएगा. फिलहाल वन अमले द्वारा तेंदुआ को सुरक्षित ले जाने की तैयारी की जा रही है.