कृषि में नई तकनीकें उभरने लगी है. किसान लाभदायक फसलों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. इसी कड़ी में भारत-इजराइल के सहयोग से स्थापित सब्जी उत्कर्ष केंद्र घरौंदा से किसानों के लिए एक राहत भरी खबर आई है. वैज्ञानिकों ने रंगीन गोभी की एक नई किस्म तैयार की है. यह गोभी न सिर्फ किसानों की आय दोगुनी करने में मदद करेगी, बल्कि लोगों को गंभीर बीमारियों से भी बचाएगी.
गोभी की वैरायटी तैयार करने वाले वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि रंगीन गोभी को डाइट में शामिल करने से मोटापा कम होगा. साथ ही यह दिल की बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होगा. इसके अलावा इस पत्तागोभी में एंटी-कार्सिनोजेनिक क्षमता होती है. इस रंगीन गोभी की खेती कर किसान मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. दिल्ली जैसे शहरों में कलर्ड गोभी की डिमांड बढ़ गई है. ऐसे में किसानों को सफेद गोभी की जगह रंगीन गोभी उगानी चाहिए. इसे उगाने में सफेद गोभी जितनी मेहनत और खर्च लगता है. कोई अतिरिक्त खर्च भी नहीं करना है.
विशेषज्ञ डॉ. अजय चौहान ने बताया कि सबसे पहले रंगीन शिमला मिर्च का चलन आया. बाजार में इसकी अच्छी मांग बनी रही, लेकिन उत्पादकों ने अच्छा मुनाफा भी कमाया. इसी तर्ज पर अब सीईवी ने रंगीन पत्तागोभी का प्रदर्शन प्लांट लगाया है. रंग-बिरंगी गोभी का प्रदर्शन देखने के लिए कई किसान केंद्र पहुंच रहे हैं. सफेद गोभी के अलावा रंगीन गोभी को बेचकर भी किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
आमतौर पर सफेद गोभी करीब 20 रुपये किलो बिकती है, जबकि रंगीन गोभी दोगुने दाम पर बिकती है. सफेद गोभी की तुलना में रंगीन गोभी का बेहतर भविष्य है. सफेद पत्तागोभी को जिस लागत और मेहनत से उगाया जाता है, उसी तरह रंगीन गोभी को भी उगाया जा सकता है.
डॉ. अजय ने बताया कि रंगीन गोभी की फसल 70 दिन में तैयार हो जाती है. रंगीन गोभी 800 ग्राम से 1 किलोग्राम तक हो सकती है. उन्होंने कहा कि आजकल देखा जा रहा है कि लोग खान-पान के कारण मोटापा, हृदय रोग और कैंसर जैसी घातक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. ऐसी बीमारियों के खिलाफ रंगीन सब्जियों का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है.