रवि शर्मा
सोनहत- वनपरिक्षेत्र सोनहत में अवैध कटाई आम बात हो गई है और विभाग हर बार तस्करों को पकड़ने में नाकाम साबित होता है और जब उच्चाधिकारियों को रेंजर साहब के कारनामों की खबर दी जाती है तो एक जाँच बिठाकर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है आपको बता दें कि जबसे साहब रेंजर के पद पर पदस्थ हैं भारी मात्रा में वृक्षों के अवैध कटाई और निर्माण कार्यों में अनियमितता की खबरें आती रहती हैं इसके पहले भी जब साहब बतौर डिप्टी रेंजर पद पर सोनहत वन परिक्षेत्र में रहे तो मजदूरों की मजदूरी काटे जाने का आरोप था। मीडिया ने जब पहल की तो रात रात में डिप्टी रेंजर और सिपाही मजदूरों के काटे गए रुपयों को घर घर जा कर पहुँचाया और हस्ताक्षर लिए । कुछ दिनों बाद प्रमोशन मिला तो रेंजर पद पर आसीन हुए ताज्जुब की बात है कि आसान वही का मिला जहा वे डिप्टी रेंजर की भूमिका निभा रहे थे। अब वर्तमान में रेंजर पद पर आसीन है। और अब हरे भरे पेड़ इनके रेंजरी में कट रहे है।पूरा मामला बैकुंठपुर वन मंडल के सोनहत वन परिक्षेत्र का है। परिक्षेत्र कार्यालय से लगभग 2 से 3 किलोमीटर दूर अमहर बिट में बेतहाशा हरे भरे बड़े बड़े वृक्षो को काटा गया है। जब हमारी टीम ने मौके स्थल का मुआयना किया तो लगभग 50 की संख्या में काटे गए वृक्षो के ठूठ की गिनती हुई,वही 5 से 10 बड़े बड़े
हरे भरे वृक्ष जिन्हें 2 से 3 दिन पूर्व काटा गया होगा वो पड़े मिले इतना ही नही अवैध कटाई करने वाले अज्ञातों ने तो कई पेड़ो को छति पहुचते हुए तेज धार हथियार चला दिया है। जो कुछ दिनों बात हरे भरे से बदल कर सुख सकते है। इतना सब कुछ हो रहा सोनहत कार्यालय से लगभग 2 से 3 किलोमीटर की दूरी पर ऐसे में रेंजर व संबंधित जिम्मेदारों पर सवाल उठना लाजमी है? मौके स्थल को देख कर आपको जरूर साँठ गांठ मिली भगत जरूर महसूस होगा वनों की सुरक्षा के लिए संकल्पित वन कर्मचारी रक्षक है या भक्षक समझ से परे है । जरूर वन रक्षक,डिप्टी रेंजर या रेंजर साहब अपने वन परिक्षेत्र का निरीक्षण नही करते होंगे करते तो नाक के नीचे अवैध कटाई न फलता फूलता । एक ओर जहा वनों को संरक्षण और बढ़ावा देने सरकार लाखो करोड़ो खर्च कर रही है तो वही दूसरी ओर वन परिक्षेत्र सोनहत अंतर्गत अमहर बिट में जोर सोर से अवैध कटाई जारी है। इस संबंध में जब हमने वन परिक्षेत्राधिकारी से जानकारी लेनी चाही और फोन से संपर्क करना चाहा तो साहब के मोबाईल की घंटी तो बाजी पर कॉल रिसीव करना मुनासिब नही समझा, घंटो बाद दोबारा लगाया गया तो स्विच ऑफ आया । बड़ी लापरवाही है जंगलों को बचाने के प्रति संकल्पित जिम्मेदार ही सक्रिय नही तो लोगो को क्या जगरूप कर सकेंगे वनों को बचाने के लिए। अवैध कटाई को लेकर जल्द दूसरी खबर जल्द