Home पूजा-पाठ ✍ रमा एकादशी में भीड़ उमड़ी ग्वारीघाट पर ……

✍ रमा एकादशी में भीड़ उमड़ी ग्वारीघाट पर ……

दिवाली से पूर्व माता लक्ष्मी की पूजा करने के लिए रमा एकादशी सबसे उत्तम दिन होता

82
0

जबलपुर। कार्तिक माह की रमा एकादशी में ग्वारीघाट पर नजारा देखने लायक था। महिलाओं की टोली भजन—कीर्तन के साथ नाचती झूमती पूजन में लीन दिखी। ये किसी उत्सव की तरह नजर आया। कई महिलाएं तो सारी रात घाट किनारे भजन—पूजन में जुटी रही। वहीं सुबह चार बजे से घाट पर दूर—दूर से महिलाओं की भीड़ पहुंचने लगी थी।

कार्तिक माह में व्रत रहने वाली अधिकांश महिलाएं नर्मदा घाट पर स्नान और पूजन करने पहुंचती हैं। सुबह पहले नर्मदा स्नान करने के पश्चात घाट किनारे बैठकर महिलाएं कार्तिक पूजन करती है। इस दौरान भजन और संगीत की धुन पर महिलाएं झूमकर अपनी आस्था और समर्पण का प्रदर्शन करती दिखी। बताया जाता है कि कार्तिक रमा एकादशी में माताएं बहनें नदी सरोवर में प्रात:काल स्नान करती है। इसके पश्चात भगवान सूर्य को अर्ग देती है। रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ धन, ऐश्वर्य और वैभव की देवी माता लक्ष्मी की भी पूजा विधि विधान से की जाती है। इसके बाद दिवाली का त्योहार आता है। दिवाली से पूर्व माता लक्ष्मी की पूजा करने के लिए रमा एकादशी सबसे उत्तम दिन होता है। माता लक्ष्मी को रमा भी कहते हैं, कार्तिक एकादशी पर भगवान विष्णु संग रमा की भी पूजा होती है, इसलिए इसे रमा एकादशी कहते हैं। ये भगवान विष्णु का महिना माना जाता है। इस दिन की पूजन—भक्ति का लाभ शीघ्र मिलता है। जीवन में आरोग्यता—स्वास्थ्यता, दामपत्य जीवन अच्छा होता है। सुख —समृद्वि मिलती है। मा लक्ष्मी का माह है इस माह दीपावली का पूजन होता है इसलिए इस माह का विशेष महात्वपूर्ण है। एकादशी होने के कारण नर्मदा स्नान के बाद दान पुण्य भी किया जाता है। घाट पर इस दौरान भारी संख्या में लोग चावल,दाल और नगद राशि का दान करते नजर आए। पूजन में सिर्फ महिलाएं ही नहीं युवा लड़कियां भी खूब बढ़चढ़कर आगे रही। ज्ञात हो कि माह भर कार्तिक पूजन महिलाएं घर मंदिर में एकसाथ करती है। लेकिन आज के दिन नदी—सरोवर के किनारे पूजन करने का ​विशेष महात्व होने के कारण ही गोपिकाएं नर्मदा तट पर आते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here