रायपुर । जब हमारी बुद्धि भगवान को धारण करने योग्य बन जाती है, तब शुद्ध हो जाती है। सच्चे भक्तों का संकट दूर करने के लिए भगवान प्रकट होते हैं। वे किसी न किसी रूप में अवश्य आते हैं। भगवान पर विश्वास रखें और निस्वार्थ भाव से उनका भजन, कीर्तन, तप करते रहें। आपके दुख दर्द दूर होंगे। यह संदेश संकर्षण शरण महाराज ने प्रयागराज से वेबिनार के माध्यम से भक्तों को दिया। राजधानी के सुंदर नगर, दीनदयाल नगर, आनंद नगर, टिकरापारा ,अवंति विहार, कुम्हारी समेत भिलाई, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा से भक्तों ने आनलाइन प्रवचन सुन जन्माष्टमी पर्व मनाया।
श्रीकृष्ण जन्म की कथा में बताया कि यदि हम भगवान का भजन करते हैं, भगवान पर भरोसा रखते हैं, तो भगवान प्रकट हो जाते हैं। जेल में वासुदेव बेड़ियों से बंधे थे, भगवान की कृपा हुई और वे बेड़ियों के बंधन से मुक्त हो गए। वासुदेव, भगवान को लेकर जब यमुना नदी पार करके जा रहे थे, तब यमुनाजी ने भी रास्ता दे दिया। भगवान गोकुल में रहते हैं, गोकुल यानी पवित्र कुल, जहां बुद्धि शुद्ध होती है। भाद्रपद मास में भगवान प्रकट हुए। भाद्र अर्थात कल्याणकारी और पद का अर्थ चरण है।
भगवान का कल्याणकारी चरण जहां-जहां हो वहां आनंद ही आनंद रहता है। महाराज ने कहा कि जो लोग गलत करने लगते हैं, सोए रहते हैं, उन्हें भगवान जगाते हैं। भगवान, यशोदा माता को रोकर जगाते हैं, गोपियों को बांसुरी बजाकर जगाते हैं, वहीं अर्जुन को गीता सुनाकर जगाते हैं। भगवान जगाने का कार्य करते हैं। हर पल सतर्क करते हैं।