रवि शर्मा सोनहत…….
सोनहत- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कई मजदूरों की तकदीर बदलने की कहानी कई समाचार पत्रों में समय-समय पर छपती रहती है लेकिन यहां हम बात कर रहे हैं ग्राम पंचायत सोनहत के रोजगार सहायक श्री नंद लाल राजवाड़े जी की जोकि विकासखंड के अन्य रोजगार सहायकों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन कर उभरे है आपको बता दें कि वर्ष 2008 के अक्टूबर महीने तक श्रीमान स्वयं मनरेगा मजदूर थे लेकिन इसके बाद रजवाड़े जी ग्राम पंचायत सोनहत में रोजगार सहायक के पद पर आसीन हुए और यही से इनकी तकदीर बदली रोजगार सहायक बनने के कुछ ही दिनों बाद इन्होंने सर्वप्रथम अपने भाई सुरेंद्र कुमार को मटेरियल सप्लायर बना कर वित्तीय वर्ष 2013-14 से वित्तीय वर्ष 2017-18 तक सड़क निर्माण, पुलिया निर्माण, बोल्डर चेकडैम निर्माण, गाद निकासी, शौचालय निर्माण कुंआ निर्माण में बिल लगाकर लगभग पचास से साठ लाख रुपए निकाले।
मजदूर पिता को भी बनाया मटेरियल सप्लायर- साहब ने कामयाबी के झंडे गाड़ते हुए दो कदम और बढ़ कर जून 2018 में अपने मनरेगा मजदूर पिता के नाम से मनरेगा के तमाम कार्यों में लाखों रुपए के बिल लगा कर बड़ा फर्जीवाड़ा किया जो कि स्वयं गरीबी रेखा कार्डधारी हैं और रेगुलर जीएसटी टैक्स पेयर भी,मजे की बात तो यह है कि इसी दौरान पिताजी मनरेगा में बकायदा मजदूरी भी कर रहे हैं और तमाम शिकायतों के बाद भी रोजगार सहायक महोदय धड़ल्ले से नौकरी कर रहे हैं।