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✍ बैकुन्ठपुर एस डी एम ने अपने ही आदेश को राजनीतिक दवाब में बदला……..

प्रशासन राजनेताओं के दवाब में न आए

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जिला कोरिया बैकुन्ठपुर के एस डी एम द्वारा आवेदिका के आवेदन पर लिखित रूप से नवनिर्माण मकान को रोकने का तत्काल आदेश 25-03-2021 को दिया था और आर आई को काम बंद करने के लिए आदेश दिया था आर आई घटना स्थल पर 25-03-2021 को पहुचे आर आई द्वारा अनावेदक से उस मकान की रिर्पोट के एवज में लंबी रकम दिया गया और अनावेदक के घर एक घंटे के लगभग आर आई बैठे रहे आर आई द्वारा आर आई द्वारा अनावेदक के घर पर बैठकर अनावेदक के मनानुसार प्रतिवेदन तैयार करके सभी लेवरों से उस प्रतिवेदन पर हस्ताक्षर कराया जबकि महौल्ले में आस पास काफी घनी बस्ती है तो महौल्ले वालों से प्रतिवेदन क्यों नही लिया गया ? प्रभाकर डबरे ने प्रतिवेदन में लिखवाया कि प्लास्टर का काम चल रहा है तो सोचने वाली बात यह है कि सीमेंट ,गिटटी ,ईंट ,बालू का अपने प्रतिवेदन में कोई उल्लेख नही किया

बैकुन्ठपुर के एस डी एम के द्वारा आवेदिका के आवेदन पर आर आई को जब आदेश किया तो एस डी एम ने पहले एैसा क्यों आदेश नही किया कि आप इतने जमीन में निर्माण कार्य कर सकते है या नही कर सकते है।आज दिनांक 26-03-2021 को किसी बडे राजनीतिक नेता का एैसा दवाब माना जा रहा है कि एस डी एम अपने ही आदेश को बदल रहे है जब किसी अधिकारी के द्वारा रिर्पोट लिखाया जाता है तो रिर्पोट नही लिखी जाती जब वो अधिकारी लिखित में शिकायत करता है फिर भी बैकुन्ठपुर प्रशासन उस व्यक्ति के उपर कोई भी कार्यवाही नही हुई इससे साबित होता है कि प्रशासन दवाब वश कार्य करता है जो कि अपनी लिखी हुई बात पर भी कायम नही रह पा रहे इसी प्रकार बैकुन्ठपुर से 20 किलोमीटर दूर के मजदूर ,मिस्त्री, रेजा जो कि प्रभाकर डबरे के यहां पर निर्माण कार्य करते है वही लोग आर आई प्रतिवेदन में भी हस्ताक्षर करते है एवं झूठे-झूठे केसों में पैसों के बल पर गवाह भी बन जाते है जिसमें कुछ नाम एैसे भी हैं जैसे कि महेश साहू पिता का नाम हंसलाल साहू निवास तमजीरा एवं शांति बाई पति का नाम जागेश्वर गोंड निवासी बरपारा एैसे और भी नाम शामिल है जो कि पेशेवर गवाह है जो कि पैसा मिले तो झूठी गवाही को तैयार रहते है। ये लोग प्रशासन को धोखा देकर अपना कार्य सिद्ध करते है और अपना निर्माण कार्य जारी रखते है प्रशासन को होना चाहिए कि प्रभाकर डबरे एवं उसके घर पर निर्माण कर रहे लोंगों की तत्काल जांच कर एैसे लोगों पर सख्त कार्यवाही की जाए एवं प्रशासन राजनेताओं के दवाब में न आए आवेलिका 20 सालों से न्यायालय की दर-दर गुहार लगा रही है बैकुन्ठपुर प्रशासन न्याय से मुकर रहा है।

जब आवेदक ने सी सी टीवी कैमरा लगाया तो निर्माण कार्य न दिखाई दे एवं कार्य चलता रहे त्रिपाल डाला गया।

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