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✍ जनपद सीईओ व विधायक मीडिया प्रभारी पर एट्रोसिटी एक्ट में जुर्म दर्ज, गिरफ्तारी अब तक नहीं…..

प्रभारी पर जुर्म दर्ज गिरफ्तारी अब तक

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रवि शर्मा सोनहत…..

सोनहत– सोनहत जनपद सीईओ राजेश सिंह सेंगर व विधायक मीडिया प्रभारी राजन पाण्डेय पर आखिरकार कोर्ट के निर्देश पर मारपीट व एट्रोसिटी एक्ट में जुर्म दर्ज कर लिया गया है

लेकिन गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है जबकि नियमानुसार यदि किसी पर अ.जा./अ.ज.जा. अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(1)(10) के तहत मामला दर्ज होता है तो पहले उसकी गिरफ्तारी की जाती है और बाद में विवेचना की जाती है

लेकिन इसके बिल्कुल उलट विशेष न्यायालय ने दिनाँक 27/02/2021 को केस दर्ज करने का आदेश अजाक थाना बैकुंठपुर को दिया था लेकिन आज दिनाँक तक आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और गवाहों को बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं सम्भवतः इसके पीछे आरोपियों का रसूख आगे आ रहा है इसलिए पुलिस भी गिरफ्तार करने में देर लगा रही है और इसी मौके का फायदा उठाकर आरोपी अपने पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।


क्या है मामला– जानकारी के मुताबिक मामले का विवरण इस प्रकार है कि सोनहत निवासी दिनेश सिंह को दिनाँक 12/01/2021 को शाम लगभग साढ़े सात बजे जनपद के सामने रास्ता रोककर सीईओ व राजन पाण्डेय ने गाली गलौज करते दो तीन थप्पड़ मार कर जातिगत गाली देकर अपमानित किया था जिसके पीछे गत तीस दिसंबर को जनपद के सभागार में पीड़ित दिनेश सिंह की पत्नी जो कि जनपद सदस्य हैं और सीईओ साहब के बीच हुई नोकझोंक को माना जा रहा है तीस दिसंबर की मीटिंग में साहब मनमाने तरीके से दागी लिपिक की पदोन्नति कराना चाहते थे लेकिन जनपद सदस्या मानमती सिंह इसके लिए तैयार नहीं थीं उनका कहना था कि जबतक लिपिक पर लगे आरोप गलत साबित नहीं होते पदोन्नति करना सही नहीं है बस इसी बात पर सीईओ साहब का पारा सातवें आसमान में जा पहुंचा और उन्होंने महिला जनपद सदस्या को जमकर खरी खोटी सुनाई जिसकी शिकायत मानमती सिंह ने थाने सहित सभी सम्बंधित अधिकारियों को दी लेकिन साहब के रसूख के चलते शिकायत रद्दी में चली गई कोई सुनवाई नहीं हुई,

इसी विवाद को लेकर बारह जनवरी की शाम को सीईओ व राजन पांडेय ने मानमती सिंह के पति दिनेश सिंह से मारपीट करते हुए जातिगत गालियां दी और दुर्भाग्य देखिए कि पीड़ित आदिवासी ने थाने से लेकर एसपी, कलेक्टर, आई जी, अजाक थाना सभी जगह गुहार लगाई पर कोई सुनवाई नहीं हुई अन्ततः पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और माननीय न्यायालय के आदेश पर जुर्म दर्ज किया गया पर गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई।
आदिवासियों की हितैषी सरकार में आदिवासी ही असुरक्षित- पीड़ित दिनेश सिंह का कहना है कि मैं स्वयं सत्ताधारी दल कांग्रेस का सदस्य हूँ और हमारे क्षेत्र के विधायक महोदय भी आदिवासी समाज से आते हैं लेकिन जिस तरह न्याय पाने के लिए मुझे दर दर भटकना पड़ रहा है और अत्याचार करने वाले सवर्णों को जिस तरह राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है उसे देखकर तो बस यही कहा जा सकता है आदिवासियों के हित के लिए काम करने वाली लाइन सरकार के लिए सिर्फ़ जुमलेबाजी है और कुछ नहीं।

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