Home छत्तीसगढ़ ✍ सरपंच की मनमानियों का दंश झेल रहा एक सामान्य परिवार…..

✍ सरपंच की मनमानियों का दंश झेल रहा एक सामान्य परिवार…..

गौठान चारागाह का निर्माण कार्य कहीं और कराया जा रहा है

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रवि शर्मा सोनहत…….

कोटाडोल(रांपा)- सरपंच की मनमानी के कारण 40 वर्षों से काबिज भूमिहीन किसान परिवार को विकास कार्य के नाम पर उनके काबिज़ जमीन से किया जा रहा बेदखल….

कोरिया जिला के विकासखंड भरतपुर के ग्राम पंचायत रांपा का मामला जहां विगत 40 वर्षों से रह रहे काबिल जमीन को ग्राम पंचायत के द्वारा विकास कार्य के नाम पर भूमिहीन किसान परिवारों के कब्जे की जमीन पर ग्राम पंचायत रापा के द्वारा गौठान और चारागाह निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जबकि प्राप्त जानकारी के अनुसार हल्का पटवारी श्री देवेंद्र सिंह सूचना के अधिकार के तहत प्रार्थी को जानकारी दी गई की जिसमें गौठान और चारागाह के लिए खसरा नंबर 9 की भूमि आरक्षित की थी जो कहीं और है और गौठान चारागाह का निर्माण कार्य कहीं और कराया जा रहा है। फिर भी नियमों को ताक पर रखकर पंचायत भवन से लगा हुआ गौठान वा चारागाह का निर्माण कराया जा रहा है हम आपको बता दें कि यह विकासखंड भरतपुर का यह पहला गौठान और चारागाह होगा जिसे पंचायत भवन से सटाकर बना दिया गया है। जबकि गौठान वा चारागाह को गांव के किनारे बनाया जाता है। मगर इस मामले में सरपंच का कहना हैं कि शासन जहां पंचायत को जमीन देगी मैं वहीं कार्य कराउंगा।मगर हकीकत यह है कि शासन ने गौठान के लिए जमीन कहीं और आरक्षित की थी और निर्माण कार्य कहीं और कराया गया है।
जहां पीड़ित किसान लक्ष्मीकांत तिवारी ने बताया कि मैं अपने भाईयों के साथ ग्राम रापा के खसरा क्रमांक 166,167,168,169 में घर खेत कुआं बनाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे मगर उक्त जमीन पर ग्राम पंचायत रांपा के सरपंच के द्वारा गौठान एवं चरागाह निर्माण कार्य चालू करा दिया गया है।और सरपंच द्वारा बोला जाता है कि मैं तुम्हारे जमीन में विद्युत शवदाह भी बनवाऊंगा।
हम आपको बता दें कि संबंधित जमीन के हल्का पटवारी ने बताया कि खसरा क्रमांक 9 का प्रस्ताव ग्राम पंचायत रांपा में गौठान और चरागाह के लिए दिया गया था। मगर आपसी रंजिश के चलते रंपा के सरपंच के द्वारा गौठान और चरागाह निर्माण कार्य को पीड़ित के का भी जमीन पर बनाया जा रहा है। जो कि गलत है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि 40 वर्षों से काबिज भूमिहीन गरीब किसान की जमीन बचेगी या नहीं । इस मामले में अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों को भी ध्यान देना पड़ेगा, इस तरह किसी गरीब भूमिहीन किसान की जमीन विकास कार्य के नाम पर रंजिश की भेंट ना चढ़ जाए।
पीड़ित द्वारा ग्राम पंचायत रांपा के लोगों और पंचों से मिलकर पंचनामा एवं असहमति पत्र तैयार किया जिस पर पीड़ित के पक्ष लोगों ने किए हस्ताक्षर

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