मनेन्द्रगढ़ से बैकुण्ठपुर आने वाली राष्ट्रीय राज्य मार्ग-43 जिसका 2000 करोड रु.़ के लगभग लागत में ठेका लिया गया था, देखने को यह मिल रहा है कि खरवत चरचा रेलवे फाटक में जितनी दुकानें बनी थीं सबको बाईपास रोड बनने के कारण तोड़ा गया पर वहीं पर मेन टर्निंग में एक चक्की व दुकान आज तक वैसा ही जमा हुआ क्यों? उसे नहीं हटाया गया इससे साफ तौर पर साबित होता है की उस दुकान वाले का किसी नेता से रिश्तेदारी है और उसी के दबाव में आज तक सुरक्षित पड़ा हुआ है, जबकी जानकार सूत्र बतातें हैं कि दुकान मलीक ने शासन से मुआवजा भी ले लिया है और पुरा शासकीय रोड को जाम करके रखा है, और वहीं रोड पर बायपास भी बना हुआ है, प्रशासन के उच्च अधिकारी सुबह शाम उस रास्ते से आना जाना करते होंगे पर उनका ध्यान उस दुकान व मछली मार्केट पर नहीं जाता उसे नजर अंदाज कर दिया जाता है प्रशासन धृतराष्ट्र कि भांति कार्य कर रही है। जनता में चर्चा का विषय यह बना हुआ है कि भविष्य में कभी भी उस दुकान व मछली मार्केट के कारण आए दिन भयानक दुर्घटना होती रहेंगी व होती भी हैं, पूर्व में भा.ज.पा. के कद्दावर नेता स्व.नथुनी के घर में इस चक्की दुकान के कारण गाड़ी घुंस जाने से उनकी मृत्यु हो गई और चक्की ही दुर्घना का श्रेय लेती आ रही है इसके बावजूद भी कोरिया का प्रशासन रोड के बिच में स्थित चक्की हटाने में नाकाम है, क्यों? चर्चा का विषय बना हुआ है।
कोरिया प्रशासन कर रही है दुर्घटने का इंतजार…
कोरिया प्रशासन कर रही है दुर्घटने का इंतजार…