बिलासपुर। काेराेना वायरस संक्रमण के हालात को देखते हुए हर तरफ सतर्कता बरती जा रही है। खास कर रेलवे और हवाई यात्रा के दौरान और भी ज्यादा सतर्क रहना है। सड़कों पर जगह- जगह मास्क और सैनीटाइजर के स्टॉल दिख रहे हैं, लेकिन जोनल स्टेशन पर यदि आपको मास्क या सैनीटाइजर चाहिए तो वह आपको यहां शायद ही मिल पाए। स्टॉल में अगर मास्क सैनीटाइजर उपलब्ध भी हैं तो उन्हें किसी कोने में रखा गया है और वह किसी ग्राहक को नजर ही नहीं आ सकती। स्टॉल को पूरी तरह खाने- पीने की चीजों से सजा दिया गया है। जोनल अफसरों को भी स्टाॅल संचालकों की इस लापरवाही से कोई लेना- देना नहीं लगता, इसलिए कोई मुआयने के लिए नहीं आता। हालत यह हैं कि लोग यहां सुरक्षा के नाम पर मुंह में बेतरतीब तरीके से गमझा और रूमाल बांधकर घूमते नजर आ रहे हैं।
दरअसल स्टॉल संचालकों की मनमानी ही है और वे अपने हिसाब से ही स्टालों का संचालन करते हैं। इनमें उन्हें रेल यात्रियों की सुविधाओं और असुविधाओं से कोई भी सरोकार नहीं है। अक्सर स्टॉल पर सामानों की अंकित मूल्य से अधिक कीमत लिए जाने सहित अन्य अव्यवस्थाओं की शिकायतें आती रहती हैं। इनमें से किसी में स्टॉल पर मास्क और सैनीटाइजर का डिस्प्ले नजर नहीं आया, वहां सिर्फ चिप्स- बिस्किट के पैकेट और सॉफ्ट ड्रिंक सहित खाने- पीने की अन्य चीजें ही नजर आईं।
कोरोना वायरस को देखते हुए रेलवे स्टाल संचालकों को मास्क व सैनिटाइजर रखने का आदेश दिया था। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए शुरुआत में प्रशासन ने कड़ाई भी बरती। इस दौरान उन्हें स्टाल के सामने ही इन सामानों को रखने के लिए कहा था। संचालक कार्रवाई की डर से सामान भी रखे थे, लेकिन अब प्रशासन ने ढिलाई कर दी है। जिसकी वजह से संचालक मास्क व सैनिटाइजर को हटाकर पहले की तरह खाने- पीने की चीजों को सामने लटकाकर रख रहे हैं।
सामने नहीं दिखने से यात्रियों को जानकारी ही नहीं मिल पाती है। जबकि सफर से नियम का पालन करते हुए दोनों सामान रखना अनिवार्य है। संचालकों द्वारा खुलेआम लापरवाही की जा रही है। जांच नहीं होने के कारण संचालक भी बेख़ौफ़ नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इसकी वजह से कोरोना का खतरा बढ़ गया है। ट्रेन सभी जगह के यात्री रहते हैं। यदि एक भी यात्री संक्रमित है तो दूसरे यात्री प्रभावित हो सकते हैं। मालूम हो कि स्टेशन 30 से अधिक स्टाल है। इनमें से करीब तीन जूस स्टाल है। इन्हें ही छूट दी गई। बहुउद्देशीय स्टालों को खास तौर पर मास्क, सैनिटाइजर, तकिया आदि रखने का निर्देश है।
सफर के दौरान मापदंड के अनुरूप मास्क पहनना है। स्टेशन के मुख्य द्वार में तैनात कर्मचारियों को यह भी जांच करने का आदेश है, लेकिन अधिकांश यात्री रुमाल बांधकर स्टेशन पहुंच रहे हैं। इन यात्रियों को मना करने के बजाय प्रवेश दे दिया जाता है। इनमें वे यात्री शामिल है जो मजदूर वर्ग के हैं और कमाने- खाने के लिए फिर पलायन करने लगे हैं।