रायपुर। किसानों की उपज के सुगम परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर देश की जीवन रेखा भारतीय रेल प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता के तहत भारतीय रेलवे ने गांवों और किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किसान रेल सेवा शुरू की है। केंद्र सरकार की घोषणा के बाद रेलवे ने रायपुर के साथ दुर्ग रेलवे स्टेशन से किसान रेल चलाने का फैसला कर लिया है। इस रूट पर किसान ट्रेन चलेगी। हालांकि अभी इसकी तिथि घोषित नहीं की गई है, लेकिन संभावना है कि नवरात्रि के बाद यह ट्रेन पटरी पर दौड़ने लगेगी। इसके चलने से क्षेत्र के किसान अपनी फल-सब्जियां दूसरे राज्यों में भेज सकेंगे। इसके लिए रेलवे ने किसानों को पार्सल किराए में 50 फीसद छूट भी देने की घोषणा की है।
किसान रेल योजना में पहली बार छत्तीसगढ़ के शहरों को शामिल किया गया है। इस विशेष पार्सल ट्रेन को जल्दी चलाने के लिए रेलवे बोर्ड ने निर्देश जारी कर दिए हैं। अब तक यहां से किसान रेल चलने की बात नहीं आई थी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कृषि उपज का वितरण के लिए बेहतर परिवहन की आवश्यकता होती है। किसान रेल यह सुनिश्चित करेगी कि कृषि उत्पाद देश के एक कोने से दूसरे कोने तक आसानी से व न्यूनतम भाड़े के साथ पहुंचाया जाए। किसान रेल एक सुरक्षित, विश्वसनीय और तेज परिवहन प्रदान करती है, जो किसानों और कारोबारियों के लिए उनके उत्पादों की अच्छी कीमत दिलाने में भी मददगार होगी। 10 कोच की किसान रेल रायपुर-दुर्ग से चलेगी।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय और रेलवे में किसान रेल के पार्सल का अनुबंध हुआ है। इसके तहत ही किसान पार्सल से आधे रेट पर फल-सब्जियां दूसरे राज्यों या शहरों में भेज सकेंगे। इससे पूरे प्रदेश के किसानों को फायदा मिलेगा। जिन शहरों-राज्यों में फलों और सब्जियों की मांग ज्यादा होगी, वहां से किसानों को बेहतर मूल्य भी मिल पाएगा और सीधी ट्रेनों की वजह से भेजने में भी आसानी होगी।
रायपुर और दुर्ग समेत 14 जिलों में बड़े पैमाने पर फलों व सब्जियों की खेती होती है। देश भर के बड़े शहरों में यहां से केला, जाम, पपीता, शिमला मिर्च, इमली, खीरा, बैगन, तरबूज, लौकी आदि भेजे जाते हैं, लेकिन सड़क से माल भेजने की वजह से किसानों को ज्यादा मुनाफा नहीं मिल रहा है, इसलिए किसानों को सस्ती पार्सल ट्रेन उपलब्ध करवाई गई है।
ट्रेनों से अब तक टमाटर, प्याज व आलू की ढुलाई को प्राथमिकता दी जाती थी, लेकिन अब इस नीति को बदल दिया गया है। 20 फलों और 10 से अधिक सब्जियों की सूची बनाई गई है, जिनके पार्सल ट्रेनों में बुक किए जाएंगे। एक पार्सल ट्रेन में 10 से 25 तक डिब्बे जोड़कर चलाया जाएगा। यही नहीं, रायपुर-दुर्ग से दिल्ली व पश्चिम बंगाल के लिए पहली पार्सल ट्रेन भी चलाई जा सकती है।
भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ के प्रचार प्रमुख नवीन शेष ने कहा कि किसान रेल चलने से प्रदेश के हजारों किसानों को अपनी उपज भेजने के लिए आसान, सस्ता और सुरक्षित साधन मिलेगा। इससे जिन राज्यों में आवश्यकता होगी, वहां सब्जी, फल, चावल आदि भेज सकेंगे। उपभोक्ताओं को भी सस्ते दर पर यह उपज मिलेगा।
थोक सब्जी व्यापारी संघ के अध्यक्ष टी.श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि हर हफ्ते 20 लाख कीमत की 50 से 60 टन सब्जी उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में यहां से वाहनों के जरिए भेजी जाती है। किसान रेल चलने से किसानों को काफी फायदा होगा। सस्ती दर पर वे सुरक्षित तरीके से सब्जी और अन्य उत्पाद भेज सकेंगे।
किसान रेल चलाने की तैयारी चल रही है। इसके चलने से किसान अपनी उपज सब्जी-फल दूसरे राज्यों में भेज सकेंगे। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए भाड़े में 50 फीसद की रियायत दी जाएगी, इससे किसान आर्थिक रूप से लाभांवित होंगे।