रवि शर्मा सोनहत…….
सोनहत- कोरोना काल में भी लोग जनता को बेवकूफ बनाकर मोटी कमाई करने से नहीं चूक रहे इसका जीता जागता उदाहरण है सोनहत विकासखंड जहां की लगभग सभी पंचायतों में महामारी से निपटने हेतु सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया लेकिन आपको बता दें इसी में दुकानदार ने जनपद के अधिकारियों से सेटिंग कर अपनी राजनीतिक रसूख का फायदा उठाते हुए हैंड सैनिटाइजर का वितरण कर लाखों रुपए कमाए जहां भंडार क्रय नियम का खुला उल्लंघन किया गया
सोनहत में चार दवाई की दुकानें होने के बावजूद सिर्फ एक ही दुकान से छिड़काव के नाम पर हैंड सैनिटाइजर की खरीदी की गई जहां कई पंचायतों में दुकानदार ने 5 डब्बे 6 डब्बे सैनिटाइजर कुल 25 और 30 लीटर के 35000 तो कहीं ₹40000 वसूले ग्राम पंचायत के कई सचिवों ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा बोला गया था कि आप सिर्फ इसी दुकान से सैनिटाइजर खरीद कर अपनी पंचायतों में छिड़काव करें आपको बता दें वितरण किया गया हैंड सेनेटाइजर सिर्फ हाथ साफ करने के काम आता है गली मोहल्ले घर ऑफिस आदि के लिए दूसरा सेनीटाइजर रहता है जिसमें बकायदा पानी मिलाकर छिड़काव किया जाता और उसकी कीमत 5 लीटर पर सिर्फ ₹900 है जबकि दुकानदार द्वारा सप्लाई किए गए उक्त हैंड सेनेटाइजर के 5 लीटर की कीमत 25 सो रुपए है और दुकानदार ने सभी पंचायतों में कहीं 12 डिब्बा तो कहीं दस डब्बे सेनेटाइजर के नाम पर प्रत्येक पंचायत से हजारों रुपए के चेक कटवाए और प्रत्येक डब्बे पर पंचायतों को 16 सो रुपए अधिक लगे इस तरह पूरे ब्लॉक में लगभग 15 से बीस लाख रुपए की खरीदी सिर्फ एक दुकान से की गई इससे स्पष्ट है की की प्रशासनिक अधिकारियों पर सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं का कितना दबाव है जिसका ताजा उदाहरण है विकासखंड में बनी 10 नई पंचायतों में पंचायत भवन एवं पीडीएस गोदाम निर्माण कार्य इन्हीं के कार्यकर्ताओं द्वारा कराया जा रहा है जहां सरपंच सचिव सिर्फ एजेंसी है
अतिक्रमण की भूमि पर बनी है दवाई दुकान उक्त दुकान अतिक्रमण की भूमि पर संचालित है जबकि दवाई दुकान खोलने के लिए लाइसेंस धारी के पास स्वयं की मालिकाना हक की भूमि अथवा जगह यदि किराए पर है तो स्वामित्व का प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है लेकिन उक्त दवा की दुकान गुरु कृपा मेडिकल स्टोर लगभग साढ़े चार साल से निजी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई है क्योंकि उक्त दुकान जिस भूमि पर बनी है उसका खसरा नंबर 527 है जोकि शासकीय अभिलेखों में राजा भूपेंद्र नारायण सिंह देव के नाम पर है लेकिन दुकानदार ने अपनी राजनीतिक रसूख और तत्कालीन सरपंच उदय राज सिंह को मोटी रकम खिलाकर दुकान निर्माण कराया और आज भी उसी जगह पर धड़ल्ले से दुकान संचालित है दुकानदार पर हाथ डालने की हिम्मत अधिकारियों में नहीं है क्योंकि दुकान मालिक सत्ताधारी पार्टी के कद्दावर नेता का खास है और इसी का फायदा उठाकर दुकानदार के द्वारा सभी पंचायतों में हैंड सैनिटाइजर के नाम पर भारी फर्जीवाड़ा किया गया यही नहीं यही नहीं साहब ने पिछले दिनों सोनहत रेंजर से 100 बोरी सीमेंट फ्री में ले लिया रेंजर साहब भी महोदय के राजनीतिक दबाव के आगे नतमस्तक दिखे
धारा 40 के तहत भी लगा है आवेदन पर नहीं हो रही सुनवाई आपको बता दें कि महाशय ग्राम पंचायत सोनहत में वार्ड क्रमांक 1के पंच है और यहां भी इन्होंने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 का खुला उल्लंघन करते हुए स्वयं के नाम से हैंड सेनीटाइजर के नाम पर साढे 42000 का भुगतान ले लिया ताज्जुब की बात तो यह है कि जब महोदय की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत निकालकर अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष विगत 1 माह पूर्व पद से पृथक करने हेतु आवेदन दिया गया है किंतु आज दिनांक तक जांच अधर में है वहीं दूसरी तरफ ग्राम पंचायत के उपसरपंच राजेंद्र प्रसाद साहू के खिलाफ उनकी अपराधिक गतिविधियों का हवाला देकर पद से हटाने का आवेदन अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत हुआ है जिस पर मैडम साहिबा के द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए गवाहों के बयान कराए जा रहे हैं औऱ महाशय की जांच ठंडे बस्ते में है जबकि उपसरपंच ने बताया कि लगाए गए सभी आरोपों से मैं दोषमुक्त हूँ और क्योंकि उपसरपंच विपक्षी पार्टी बीजेपी से संबंध रखते हैं इसलिए इन पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है तथा गवाहों को परेशान किया जा रहा है यही नहीं मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने तो चार कदम आगे बढ़ते हुए उपसरपंच के पक्ष में शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक को जमकर फटकार लगाई कथा तत्काल शपथ पत्र वापस लेने का दबाव बनाया नहीं लेने पर ग्राम पंचायत के समस्त रिकार्ड सीईओ के द्वारा जप्त कर लिए गए और दबाव बनाया गया कि शपथ पत्र वापस नहीं लेते हो तो बर्खास्त कर दिया जाएगा जबकि नियम से परे हटकर उक्त दुकान संचालक ने भी बिना बैठक कराएं 42500 का भुगतान अपने नाम पर कराया और आज यही पंचायत की बैठक न होने का हवाला देकर तथा इस अवधि में पंचायत के द्वारा राशि भुगतान कराने को लेकर समस्त रिकॉर्ड जब्त करवा रहे हैं इससे स्पष्ट है की प्रशासनिक अधिकारियों पर भी सत्ताधारी पार्टी के मठाधीश किस प्रकार दबाव बना रहे हैं और विपक्ष के लोगों को निशाना बना रहे हैं
सचिव महोदय पांच डिब्बा कुल 25 लीटर हैंड सेनेटाइजर लाये थे जिसका हमारे द्वारा ₹30000 भुगतान किया गया
नाहर सिंह सरपंच चकडाँड़
सचिव महोदय छः डिब्बा कुल 30 लीटर लाये थे जिसका भुगतान चालीस हजार किया गया है
विजेंद्र सिंह सरपंच मझारटोला
मेरे ऊपर पूर्व के आपराधिक प्रकरणों का हवाला देकर पद से हटाने का जो आवेदन प्रस्तुत किया गया है वह पुर्णतः गलत है क्योंकि मैं सभी आरोपों से दोषमुक्त हूं और वर्तमान में ग्राम पंचायत सोनहत का उप सरपंच हूं तथा मेरे द्वारा तत्कालीन सरपंच के फर्जीवाड़े की जांच कराई जा रही है क्योंकि सरपंच सत्ताधारी पार्टी का कार्यकर्ता है इसेसे क्षुब्ध होकर मेरे खिलाफ नियम से हटकर कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा की जा रही है इसके लिए मैं उच्च न्यायालय जाने की तैयारी में हूँ
राजेंद्र प्रसाद साहू उपसरपंच ग्रामपंचायत सोनहत