कोरबा। कलेक्टर निवास में पहरा दे रहे सुरक्षा कर्मी के होश उस वक्त उड़ गए जब उसकी बंदूक के पास एक सांप बैठा मिला। रात की ड्यूटी के बीच वह कक्ष में आया और अपनी बंदूक बिस्तर में रख हाथ मुंह धोने चला गया। वापस आकर वह जैसे ही अपनी बंदूक के पास गया तो वहां एक कोबरा बैठा मिला। स्थानीय तौर पर गेहुआ डोमी कहा जाने वाला यह सर्प काफी जहरीला होता है। इसके बाद स्नेक रेस्क्यू टीम के प्रमुख व सर्पमित्र जितेंद्र सारथी को सूचित किया गया और उन्होंने आकर सर्प को रेस्क्यू किया। रामपुर सिंचाई कालोनी से लगे कलेक्टर निवास की यह घटना बीती रात करीब 11 बजे की है। यहां बारी-बारी अपनी पाली में ड्यूटी करने वाले सुरक्षा कर्मियों के लिए एक कक्ष की सुविधा है। समय-समय पर वे यहां आकर विश्राम करते हैं। रात की ड्यूटी कर रहे सुरक्षा कर्मी धर्मेंद्र पुरी इस कक्ष में आए और बिस्तर में बंदूक रख हाथ-मुंह धोने चले गए। वापस आकर जब उन्होंने अपनी बंदूक उठाने की नीयत से बिस्तर को हाथ लगाया, तो उसके पास कुंडली मारे बैठा एक सांप फन फैलाकर फुंफकारने लगा।
इस दृश्य देख वे भी एक झटके से दूर हट गए। कोबरा प्रजाति का यह सर्प स्थानीय तौर पर गेहुआ डोमी कहा जाता है। यह सर्प काफी जहरीला होता है। इसके बाद सुरक्षा कर्मी ने स्नेक रेस्क्यू टीम के प्रमुख व सर्पमित्र जितेंद्र सारथी को सूचित किया और उन्होंने आकर सर्प को रेस्क्यू किया। कक्ष में कुछ देर की मशक्कत के बाद ही जितेंद्र ने उस सर्प को पकड़कर एक डिब्बे में रख लिया और तब जाकर निवास के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली। बाद में सर्प को आबादी से दूर जंगल में छोड़ दिया गया।
सुरक्षाकर्मी ने कक्ष में रखी अपनी बंदूक को उठाने जैसे ही हाथ बढ़ाया, वह सर्प दिखाई दिया। अपनी ओर हाथ बढ़ता देख सर्प ने तेजी से डसने के लिए उनकी ओर वार भी किया। उन्होंने सही समय में बड़ी स्फूर्ति दिखाई और अपना हाथ हटा लिया। जितेंद्र ने बताया अगर इस सांप ने उन्हें कहीं पर काट लिया होता तो जान भी जा सकती थी। कक्ष में कोई अन्य सांप न हो इसलिए देखने के लिए जितेंद्र ने पुनः जाकर अच्छे से जांच की और उन्हें भरोसा दिलाया कि अब कक्ष सुरक्षित है। केवल इस सीजन में ही जितेंद्र ने कलेक्टर निवास व परिसर में धमना, डोडिया, कोबरा समेत करीब एक दर्जन सांपों को रेस्क्यू कर चुके हैं।
न्यूरो टॉक्सिन वेनम के जहर से भरपूर डोमी या गेहुअन को स्पैक्टिकल कोबरा कहते हैं, जिसका प्रचलित नाम नाजा नाजा है। नाम के अनुरूप इसका जहर सीधे तंत्रिका तंत्र पर असर करता है और अगर पीड़ित व्यक्ति अधिक डरे व धड़कन तेज हो जाए तो मुश्किल से एक घंटे के भीतर ही उसकी जान जा सकती है। संभवतः यह चूहे का शिकार करने यहां आया होगा। शिकार को भी यह सर्प अपने तेज जहर के वार से मूर्छित कर देता है और उसे भाग पाने में असमर्थ कर उसका आहार कर लेता है।