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‘‘ग्राम गौठानों में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के अंतर्गत कृषकों ने प्रारम्भ किया मधुमक्खी पालन‘‘………

मधुमक्खी पालन से जुड़े कार्य जैसे बढ़ईगिरी, लोहारगीरी एवं शहद विपणन में भी रोजगार का अवसर मिलता है

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कोरिया 28 अगस्त 2020/ कृषि विज्ञान केंद्र व उद्यानिकी विभाग के अभिसरण से चयनित ग्रामों में आदिवासी कृषकों को उन्नत विधि से मधुमक्खी पालन की तकनीकी जानकारी प्रक्षेत्र पर देते हुए जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के अंतर्गत प्रस्तावित मधुमक्खी पालन कार्यक्रम शुरू किया गया है। विकासखण्ड सोनहत के तीन गांवों व मनेन्द्रगढ़ के आठ गांवों में कुल 100 मौन पेटी के साथ छः कालोनी प्रजाति एपिस मेलिफेरा प्रति मौनपेटी को जनपद एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारीयों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में आदिवासी कृषकों एवं समूहों को वितरित किया गया है।
मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो मानव जाति को लाभान्वित कर रहा है, यह एक कम खर्चीला घरेलु उद्योग है जिसमें आय, रोजगार व वातावरण शुद्ध रखने की क्षमता है। यह एक ऐसा रोजगार है, जिसे समाज के हर वर्ग के लोग अपनाकर लाभान्वित हो सकते है। मधुमक्खी पालन कृषि व बागवानी उत्पादन बढ़ाने की क्षमता भी रखता है। शहद एवं मोम के अतिरिक्त अन्य पदार्थ, जैसे गोंद (प्रोपोलिस, रायल जेली, डंक-विष) भी प्राप्त होते है। साथ ही मधुमक्खियों से फूलों में परागण होने के कारण फसलों की ऊपज में लगभग एक चैथाई अतिरिक्त बढ़ोतरी हो जाती है। आज कल मधुमक्खी पालन ने कम लागत वाला कुटीर उद्योग का दर्जा ले लिया है। ग्रामीण भूमिहीन, बेरोजगार किसानो के लिए आमदनी का एक साधन बन गया है, मधुमक्खी पालन से जुड़े कार्य जैसे बढ़ईगिरी, लोहारगीरी एवं शहद विपणन में भी रोजगार का अवसर मिलता है।
कृषकों को प्रक्षेत्र पर संक्षिप्त रूप में मधुमक्खी परिवार रानी, श्रमिक, नर मधुमक्खी, छोटी मधुमक्खी (एपिस फ्लोरिय), भैंरो या पहाड़ी मधुमक्खी (एपिस डोरसाटा), देशी मधुमक्खी (एपिस सिराना इंडिका) तथा इटेलियन या यूरोपियन मधुमक्खी (एपिस मेलिफेरा) के बारे में जानकारी दी गई। इनमें से एपिस सिराना इंडिका व एपिस मेलिफेरा जाति की मधुमक्खियों को आसानी से लकड़ी के बक्सों में पाला जा सकता है। देशी मधुमक्खी प्रतिवर्ष औसतन 5-10 किलोग्राम शहद प्रति परिवार तथा इटेलियन मधुमक्खी 50 किलोग्राम तक शहद उत्पादन करती हैं।
मधुमक्खी पालन के लिए आवश्यक सामग्री मौन पेटिका, मधु निष्कासन यंत्र, स्टैंड, छीलन छुरी, छत्ताधार, रानी रोक पट, हाईवे टूल (खुरपी), रानी रोक द्वार, नकाब, रानी कोष्ठ रक्षण यंत्र, दस्ताने, भोजन पात्र, धुआंकर और ब्रश मधुमक्खी परिवार का उचित रखरखाव एवं प्रबंधन मधुमक्खी परिवारों का विभाजन एवं जोड़ना, मधुमक्खी परिवार स्थानान्तरण शहद व मोम निष्कासन व प्रसंस्करण मधुमक्खी पालन का मुख्य उद्देश्य, शहद एवं मोम उत्पादन की तकनीकी जानकारी दी गई एवं कृषि वैज्ञानिकों ने आदिवासी कृषकों एवं समूहों को परिचर्चा के दौरान बताया कि भ्रमण एवं अवलोकन के समय अथवा मौखिक रूप से भी मधुमक्खी पालन में कोई भी समस्या आती है तो कृषि वैज्ञानिकों को अवगत कराने कहा।

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