छत्तीसगढ़ में माननीय भुपेश सरकार ने पोर्टल वालों को छूट देने से नाबालिक लोग भी पत्रकारिता में उतर आए है अभी तक तो अधिकारियों को माइक की आईडी दिखते थे अब तो संगठन बनाकर अधिकारियों से गाली -गलौज व धमकाकर लंबी-लंबी रकम निकाल रहे है जबकि मीडिया के नाम पर जीरो है। खाली गुंडागर्दी व अपने से सीनियर लोगों के अपमान से भी नही चुकते क्योकि उनके साथ नई पीढी के युवा जिनकी पत्रकारिता का पता ही नही है खाली उनको वन विभाग ही दिखता है उनकी वसूली का स्तर देखा जाए तो कार से लेकर बिल्डिंग भी ताने पडे है। जबकि संगठन कोई शासकीय नही है ये सुसायटी एक्ट के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराकर राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक ठगने का व्यापार जारी है देखने को एैसा भी देखा जा रहा है कि राज्य जनसंम्पर्क विभाग को भी ठगी का शिकार कर लिया गया है लगभग साल दो साल में भी फर्जी ठंग से अभिमानता कार्ड भी झूठ बोलकर प्राप्त कर लिया गया है एैसे -एैसे लोगों की लिस्ट है जिनको पढ़ने लिखने का सलीका नही है जिनसे पढने को कहा जाता है तो कहते है चश्मा घर छोड आया हूं। सभी फर्जी अभिमानता कार्डो की राज्यशासन से जानकारी निकलवाकर एवं प्रेस संपादको ने राज्य जनसंम्पर्क विभाग को गलत जानकारी दी है तो उन पर भी कार्यवाही राज्य जनसंम्पर्क कर सकता है कुछ एैसे लोग भी है जो पत्रकारों के नाम से पैसा वसूल लेते है एवं समाचार लगने पर अधिकारी को धमकाकर पैसा निकाल लेते है इतनी घिनौनी हरकत मीडिया के नाम पर समाज के लिए कलंकित है।
✍ बैकुन्ठपुर: मीडिया के नाम पर हो रही गुंडागर्दी……
खाली गुंडागर्दी व अपने से सीनियर लोगों के अपमान से भी नही चुकते क्योकि उनके साथ नई पीढी के युवा जिनकी पत्रकारिता का पता ही नही है