रायपुर। व्यक्ति, परिवार की एक इकाई होता है और परिवारों के समूह से समाज बनता है। परिवारों की जैसी बुनियाद होगी, समाज भी वैसा ही होगा। इस लिए कहते हैं कि समाज की खुशहाली परिवारों के रास्ते हो कर आती है। आज विश्व परिवार दिवस है। यह दिन हमें परिवार के महत्व को लेकर जागरूक करता है। आज के दौर में परिवारों का विघटन हो रहा है। लोग संयुक्त होने की जगह अपने आप को ज्यादा महत्व देने लगे हैं, लेकिन संयुक्त रूप से परिवार के रूप में रहने पर एक अलग ताकत मिलती है। आइए जानें क्या है कालीबाडी निवासी नंदिनी साहू के संयुक्त परिवार की कहानी।
राजधानी के कालीबाड़ी निवासी साहू परिवार में उस दिन दुख का पहाड़ टूटा था, जब पिता की मृत्यु हो गई थी। मां नंदिनी साहू के आंचल ने परिवार को एक ही डोर ऐसे बांधा कि तीन भाइयों का परिवार एक साथ प्यार और सद्भाव के साथ रह रहे हैं। और आजीवन साथ रहने के लिए संकल्पित है।
परिवार के सदस्य पंकज साहू ने बताया कि हमारा तीन भाइयों का संयुक्त परिवार है। एक समय था, पिता की मृत्यु के बाद परिवार टूट सा गया था, लेकिन उनके संस्कार और मां के प्यार ने परिवार को बिखरने नहीं दिया। पिता के जाने के बाद हमने संघर्ष भरे कई जीवन देखे। आर्थिक स्थिति को सुधारने और परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तीनों भाइयों ने रुई का व्यापार शुरू कर उसे आगे बढ़ने दिनरात जीतोड़ मेहनत की।
कोई भी समस्या हो या निर्णय लेना हो। सब मिलकर एक साथ फैसला लेते है। पंकज ने बताया कि परिवार में छोटे-बड़े सभी की बातें बराबर सुनी जाती है। परिवार में सदस्य अश्विनी-उमा साहू, अभिषेक-लीना साहू ने बताया कि आपसी सामंजस्य और प्यार ही हमारे अटूट परिवार की नींव है, जो कभी टूटेगा नहीं। अलग होते समाज में परिवार के महत्व को जो समझता है, उनकी जिंदगी में परिवार के साथ से हर मुश्किल आसान हो जाती है। हमारा परिवार भी इसलिए सुखी और खुशहाल है, क्योंकि हम साथ है।