नरसिंहपुर ज़िले में कोरोना पाजिटिव 20 मार्च के बाद बाहर से आये हुये व्यक्ति से ही फैल सकता है. बड़ी भारी संख्या में लोग बाहर से आ रहे हैं. केवल लक्षण के आधार पर ही कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों को संस्थागत कोरन्टाईन करने के निर्देश है. अधिकांश मामलों में होम कोरन्टाईन कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. यदि होम कोरन्टाईन में अनुशासन का पालन किया जाये, घर से बाहर नहीं निकला जाये तो उसका प्रभाव भी संस्थागत कोरन्टाईन जैसा ही होता है. होम कोरन्टाईन अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित भी है.
आप जानते ही होगें कि यदि किसी गाँव-मोहल्ले में कोरोना पाजिटिव पाया जाता है तो पूरे गाँव-मोहल्ले को कन्टेनमेंट ज़ोन बनाना पड़ता है. कन्टेनमेंट ज़ोन में सख़्त कर्फ़्यू लगाया जाता है. किसी को दरवाज़े के बाहर झांकने की भी इजाज़त नहीं होती, आगे फिर जैसे-जैसे मरीज़ मिलते जाते हैं कन्टेनमेंट की अवधि बढ़ती जाती है. आपको यह भी जानना चाहिये कि प्रदेश के अन्य ज़िलों में दो-दो महीने पहले बनाये हुये कन्टेनमेंट ज़ोन अभी तक हटाये नहीं जा सके हैं. कोरोना पाजिटिव के फ़र्स्ट कान्टैक्ट वाले सभी व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से हास्पीटल आईसोलेशन में रहना पड़ता है. आसानी से समझा जा सकता है कि 20 मार्च के बाद बाहर से आये व्यक्ति की अनुशासनहीनता कितनी बड़ी मुसीबत पैदा कर सकती है.
पूरे ज़िले के लाखों नागरिकों को लाकडाऊन में झोंक देने की अपेक्षा ऐसे 15-20 हज़ार लोगों का सख़्त होम कोरन्टाईन अधिक आसान है. अत: यदि आप अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा चाहते हैं, भविष्य की असुविधाओं से बचना चाहते हैं तो ऐसे व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखें. हमें क्या फ़र्क़ पड़ता है या कौन पंगा मोल ले कि मानसिकता भारी पड़ सकती है. पूरे परिवार -गाँव-मोहल्ले की बेहतरी के लिये पंगा मोल लें, ऐसे लोगों पर निगरानी रखें, निगरानी रखने की ज़िम्मेदारी गाँव-मोहल्ले के जागरूक नागरिक सँभालें, ऐसे लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने दें, उन्हें रोकें-टोकें, फिर भी नहीं माने तो पुलिस को सूचना दें. 20 मार्च के बाद बाहर से ज़िले में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों का घर से बाहर निकलना क़ानूनी रूप से प्रतिबंधित किया गया है. क़ानून तोड़ने वाले व्यक्ति को रोकना और उसके बारे में पुलिस को सूचना देना हर नागरिक का कर्तव्य है.
सादर.
दीपक सक्सेना कलेक्टर
गुरकरन सिंह एसपी
डा. एन यू खान CMHO
डा. अनीता अग्रवाल सिविल सर्जन
कोरोना से जंग-जनता के संग
फर्क पड़ता है….
अधिकांश मामलों में होम कोरन्टाईन कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.