4 मई को सरकार द्वारा शराब दुकान खोलने के आदेश को लेकर शराबियों में खुशहाली का माहौल में शराब दुकानों में जैसे रेल्वे की टिकट लेने की लाईन लगी रहती है उसी प्रकार शराब खरीदने वालों की कतार लगी हुई है। शराब खरीदने वाले शराब की प्रिंटरेट से भी अधिक रेट में शराब खरीदने को मजबूर है। ऐसे-ऐसे लोग शराब खरीदते हुऐ देखे गये जिनका 01रू0 प्रति किलो चावल खरीदने का राशनकार्ड है और जनधन योजना का बैंक में पासबुक है, इन लोगों को 3-4 हजार की शराब खरीदते हुए देखा गया। आज हमारे देश में गरीबी है कहां ? खाली एक वोट की राजनीति को लेकर जनता को गुमराह किया जाता रहा है। कोरोना महामारी देश में चल रही है उस दौरान सरकार को अपनी राॅयल्टी को लेकर शराब का काम चालु कराया गया। सरकार ने आम जनता के नुकसान पर ध्यान नही दिया जिससे लोग शराब पीकर अपने ही घर में हिंसा कर रहे है।
कोरिया जिला में लाखों की शराब खपत ,,,,………
शराब खरीदने वाले शराब की प्रिंटरेट से भी अधिक रेट में शराब खरीदने को मजबूर है।