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कांग्रेस महाधिवेशन का दूसरा दिन, राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने कहा – देश में लोकतंत्र को खत्म करने की हो रही कोशिश……

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने पर सभी का आभार जताया. उन्होंने कहा, ये कांग्रेस में संभव है कि जो कभी ब्लॉक कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष था वो आज राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गया. मैं इसके लिए सोनिया गांधी और कांग्रेस के सभी साथियों का आभार जताता हूं.

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रायपुर. कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन का आज दूसरा दिन है. अधिवेशन सत्र को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, आज देश में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन राहुल गांधी ने नफरत के खिलाफ प्यार की जो यात्रा की वह एक नई रोशनी दी है.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने पर सभी का आभार जताया. उन्होंने कहा, ये कांग्रेस में संभव है कि जो कभी ब्लॉक कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष था वो आज राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गया. मैं इसके लिए सोनिया गांधी और कांग्रेस के सभी साथियों का आभार जताता हूं. मैं आज अधिवेशन को संबोधित करते हुए भावुक हूं. अधिवेशन को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू ने संबोधित किया था.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, राहुल गांधी को बधाई देता हूं. उन्होंने तमाम विपरीत और चुनौतियों के बीच एक सफल यात्रा की और देशवासियों की तकलीफों को महसूस किया, उसे करीब से देखा. आज कांग्रेस पार्टी उत्साह और ऊर्जा से भर चुका है. इस यात्रा ने भारत को एक किया है. मैं इसके लिए धन्यवाद देता हूं.

खड़गे ने कहा, भाजपा और केंद्र सरकार ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन को रोकने की कोशिश की. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं पर ईडी के छापे मारे गए, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी ने डटकर मुकाबला किया. आज सफल अधिवेशन हो रहा है. मैं इसके लिए भूपेश बघेल और पूरी पार्टी को बधाई देता हूं. आज हमें इसी तरह लड़ने की जरूरत है. उन्होंने कहा, देश में आज एक तरफ तोड़ने की संस्कृति चल रही है और दूसरी तरफ जोड़ने की संस्कृति चल रही है. देश में आज संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है.

खड़गे ने कहा, नोटबंदी, कोरोनो, जीएसटी, महंगाई ने देश का कमर तोड़ दिया है. 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए. 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए, लेकिन इसी बीच मोदी सरकार के मित्र लगातार ऊपर जाते रहे. उन्हें देश की तमाम चीजे बेची जा रही है. धरती से आकाश तक बेचने का काम चल रहा है. निजीकरण का खेल देश में चल रहा है. देश में आज सैकडों गरीब-मजदूर प्रतिदिन आत्महत्या कर रहे हैं. इस सरकार को अब चेतावनी देनी चाहिए. सबको एकजुट होना होगा. देश के एससी-एसटी, अल्पसंख्यक सबको एक होकर लड़ना होगा. गरीबों और आदिवासियों पर अत्याचार बढ़े हैं.

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