कोरिया : अंतराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेय के निर्देशानुसार 12 जून को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव श्रीमती अमृता दिनेश मिश्रा, महिला एवं बाल विकास विभाग के श्री पंकज कुमार वर्मा, श्री संजीव साहू एवं श्रम निरीक्षण श्री गोपी सिंह द्वारा बैकुण्ठपुर के ग्राम भाड़ी एवं वहां स्थित दुकानों का निरीक्षण कर बाल किशोर श्रम प्रतिषेध अधिनियम एवं विनियम 1986 के संबंध में जानकारी देकर बच्चों को शिक्षा का अवसर प्रदान करने को कहा गया। शिविर में लोगो को बताया गया कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी प्रकार का काम नहीं लिया जा सकता यह अपराध है। अक्सर देखा जाता है कि श्रमिक, किसान परिवार के बच्चे छोटी उम्र में ही पढ़ाई छोड़ कर काम धन्धें में लग जाते है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य, शरीरिक एवं मानसिक स्थिति पर विपरित प्रभाव पड़ता है। अतः सरकार व अंतराष्ट्रीय संगठन द्वारा 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार के नियोजन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इसी प्रकार अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मुकेश कुमार पात्रे, न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री मनोज कुमार कुशवाहा के द्वारा जनपद पंचायत खड़गवां में शिविर के माध्यम से लोगों को यह बताने का प्रयास किया कि बाल श्रम बच्चों के शरीरिक और मानसिक विकास को रोकता है और उन्हें शिक्षा के अवसर से वंचित रखता है।